Saturday, March 29, 2025

‘संविधान बदलने की साजिश नहीं होने देंगे’ – मायावती का कांग्रेस-बीजेपी पर हमला

देश की सियासत में इन दिनों संविधान को लेकर खूब बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे हैं कि केंद्र की एनडीए सरकार संविधान को बदलने की फिराक में है। उधर, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वो मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान से छेड़छाड़ कर सकती है। इसी बीच, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती मैदान में कूद पड़ीं। उन्होंने साफ लफ्जों में कहा, “संविधान को किसी भी कीमत पर बदलने नहीं देंगे। जरूरत पड़ी तो इसके लिए सड़कों पर उतरकर लड़ाई भी लड़ेंगे।”

मायावती ने बीजेपी पर कानून-व्यवस्था को लेकर भी हमला बोला और यूपी की योगी सरकार को जमकर कोसा। तो चलिए, इस पूरे मामले को डिटेल में समझते हैं कि मायावती ने क्या-क्या कहा और सियासी पारा क्यों गरमाया हुआ है।

मायावती का ऐलान: ‘संविधान पर हाथ नहीं पड़ने देंगे’

मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक के बाद एक कई पोस्ट ठोके। उनका कहना था कि कांग्रेस, बीजेपी या कोई और पार्टी अपने सियासी फायदे के लिए संविधान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती। खास तौर पर आरक्षण के मुद्दे पर वो किसी को छूने तक नहीं देंगी। मायावती ने लिखा, “हम अपने देश के संविधान को किसी भी कीमत पर बदलने नहीं देंगे। अगर इसके लिए संघर्ष करना पड़ा तो बीएसपी तैयार है।”

उनका इशारा साफ था कि संविधान उनके लिए लाल रेखा है। चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस, कोई भी इसे टच करने की कोशिश करेगा तो बीएसपी चुप नहीं बैठेगी। मायावती का ये बयान उस वक्त आया है, जब संविधान को लेकर सत्ता और विपक्ष में तीखी बयानबाजी चल रही है।

बीजेपी पर हमला: ‘8 साल में कानून-व्यवस्था चौपट’

मायावती ने सिर्फ संविधान पर ही नहीं रुकीं, बल्कि बीजेपी की यूपी सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी का यूपी में 8 साल का राज जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। खासकर कानून-व्यवस्था को लेकर तो हालात बद से बदतर हो गए हैं। मायावती ने X पर लिखा, “यूपी में बीजेपी सरकार के 8 साल पूरे हो गए, लेकिन जनता की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं। कानून-व्यवस्था की हालत तो इतनी खराब हो गई है कि लोग परेशान हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।”

ये टिप्पणी ठीक उसी दिन आई, जब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की तारीफों के पुल बांध रहे थे। योगी कह रहे थे कि उनकी सरकार ने यूपी को विकास के रास्ते पर ला दिया है, लेकिन मायावती ने उनकी पोल खोलते हुए कहा कि जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

संविधान और आरक्षण पर क्यों भड़कीं मायावती?

दरअसल, पिछले कुछ वक्त से संविधान और आरक्षण को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। विपक्ष का दावा है कि एनडीए सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है और वो संविधान में बदलाव कर सकती है। दूसरी तरफ, बीजेपी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर उंगली उठाई। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस वहां मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान से छेड़छाड़ की प्लानिंग कर रही है।

इस पूरे ड्रामे में मायावती ने दोनों पार्टियों को लपेटे में लिया। उनका कहना है कि संविधान और आरक्षण बहुजन समाज के हक की रक्षा करते हैं। इसे बदलने की कोशिश हुई तो वो चुप नहीं बैठेंगी। मायावती ने ये भी याद दिलाया कि बीएसपी की बुनियाद ही सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा के लिए रखी गई थी।

‘अंबेडकर की राह पर चल रही हूं’ – मायावती

मायावती ने अपने बयानों में बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, “अंबेडकर को मनुस्मृति की पूरी समझ थी। उनकी अनुयायी और बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मुझे भी ये सब पता है।” उनका कहना था कि बीएसपी का मकसद ही दबे-कुचले लोगों को हक दिलाना और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना है।

मायावती ने ये भी साफ किया कि उनकी पार्टी इस मिशन से पीछे नहीं हटेगी। “हमने इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए बीएसपी बनाई। ये बात सबको पता है।” उनका इशारा था कि संविधान और आरक्षण उनके लिए सिर्फ सियासी मुद्दा नहीं, बल्कि बहुजन समाज की जिंदगी का सवाल है।

पार्टी में आगे बढ़ने का फॉर्मूला

मायावती ने बीएसपी के कार्यकर्ताओं को भी संदेश दिया। पिछले हफ्ते उन्होंने कहा था कि उनके लिए रिश्ते-नाते से बढ़कर बहुजन समाज है। इस बार भी उन्होंने दोहराया कि पार्टी में वही आगे बढ़ेगा, जो मेहनत करेगा और पार्टी के हित में काम करेगा। मायावती ने कहा, “भाई-बहन, रिश्तेदार – ये सब मेरे लिए बहुजन समाज के बराबर ही हैं। जो पार्टी के लिए काम करेगा, वही आगे जाएगा। मेरे रिश्ते-नाते इसमें आड़े नहीं आएंगे।”

उनका ये बयान बीएसपी के अंदर एकता और अनुशासन का संदेश देता है। मायावती ये साफ करना चाहती हैं कि उनकी पार्टी में निष्ठा और मेहनत ही तरक्की की सीढ़ी है।

योगी के दावों पर मायावती का पलटवार

जिस दिन मायावती ने बीजेपी पर हमला बोला, उसी दिन योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की पीठ थपथपा रहे थे। योगी का कहना था कि 2017 से अब तक यूपी में कानून-व्यवस्था सुधरी है और विकास की रफ्तार बढ़ी है। लेकिन मायावती ने उनके इन दावों की हवा निकाल दी।

उन्होंने कहा, “8 साल में बीजेपी ने जनता को क्या दिया? कानून-व्यवस्था तो इतनी खराब हो गई कि लोग डरे हुए हैं।” मायावती का दावा है कि योगी सरकार के राज में अपराध बढ़े हैं और आम लोग परेशान हैं। ये बयान यूपी की सियासत में नई जंग की शुरुआत कर सकता है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles