अब तक बीएसपी सुप्रीमो मायावती कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से दूरी बनाए हुए हैं। मायावती की तरफ से कांग्रेस पर लगातार निशाना भी साधा जाता रहा है, लेकिन सियासत में कब क्या गणित फिट हो और कैसे माहौल बदल जाए कोई नहीं जानता। तो अब खबर ये है कि मायावती भी विपक्ष के इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती हैं, लेकिन इसके लिए बीएसपी ने एक बड़ी शर्त रख दी है। अगर इस शर्त को इंडिया गठबंधन में शामिल 28 दलों ने मान लिया, तो मायावती की विपक्षी दलों के इस गठबंधन में एंट्री हो सकती है।
मायावती के करीबी और अमरोहा से बीएसपी के सांसद मलूक नागर ने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में एंट्री के लिए इस शर्त का खुलासा किया है। मलूक नागर ने कहा है कि मायावती को पीएम का चेहरा बनाए बगैर इंडिया गठबंधन बेमानी है। मलूक नागर ने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन वाकई बीजेपी को हराना चाहता है, तो उसे मायावती को पीएम का चेहरा बनाना चाहिए। मलूक नागर ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो पीएम नरेंद्र मोदी को रोकना किसी भी गठबंधन के लिए आसान नहीं रहेगा। मलूक नागर ने आंकड़ा गिनाते हुए कहा है कि यूपी में बीजेपी को करीब 44 फीसदी वोट मिलते हैं। ऐसे में मायावती को साथ लेने से बीएसपी का 13 फीसदी वोट भी विपक्ष के 37-38 फीसदी वोट में जुड़ जाएगा और इससे बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को निर्णायक बढ़त मिल सकती है।
वैसे विपक्ष के गठबंधन की तरफ से मायावती को लेने के लिए बीएसपी की ये शर्त मानने में दिक्कत है। इसकी वजह ये है कि गठबंधन में बीएसपी विरोधी सपा और आरएलडी हैं। सपा और आरएलडी ने यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में काफी सीटें हासिल की थीं। जबकि, बीएसपी का एक भी विधायक 2022 में हुए चुनाव में जीता तक नहीं था। कांग्रेस भी शायद ही बीएसपी की इस शर्त को माने, क्योंकि उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कह चुके हैं कि पहले चुनाव में गठबंधन जीते, उसके बाद ही पीएम पद की बात तय की जाएगी। पीएम बनने के लिए इंडिया गठबंधन में और भी बड़े नेताओं जैसे नीतीश कुमार और ममता बनर्जी का नाम चल रहा है। ऐसे में देखना ये है कि मायावती को साथ लेने के लिए विपक्षी गठबंधन आगे कदम बढ़ाता है या नहीं।