BSP का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन भाजपा के लिए खतरे की घंटी: मायावती

नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ( BSP supremo Mayawati ) ने बुधवार को भाजपा सरकार ( BJP government ) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने योगी सरकार पर बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के खिलाफ सरकारी मशीनरी के गलत इस्तेमाल का भी आरोप लगाया. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के प्रबुद्ध सम्मेलन को भारी सफलता मिल रही है. उन्होंने कहा कि इस सफलता की चर्चा पूरे मीडिया जगत में हो रही है. जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की नींद उड़ी हुई है. जिसका अंदाजा उनकी ओर से की जा रही बयानबाजी और प्रतिक्रियाओं से लगाया जा सकता है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रयागराज, अम्बेडकर नगर, काशगंज, मथुरा व आगरा आदि जिलों में बसपा के इस प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन की भारी सफलता से भाजपा ने इसको अपने लिए खतरे की घंटी मान लिया है. 

मायावती ने कहा कि यही वजह है कि भाजपा ने बसपा के इस कार्यक्रम के विरूद्ध सरकारी मशीनरी का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. जबकि बसपा के इन प्रबुद्ध वर्ग का सम्मेलनों का आयोजन सरकार की अनुमति के बाद और कोरोना नियमों के पूरे अनुपालन के साथ ही कराया जाता है. लेकिन भाजपा सरकार ने खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर इस सम्मेलन पर नई शर्तें व पाबंदियां ​लगाकर इसे बांधना शुरू कर दिया है. इन कार्यक्रमों में कुछ जगहों पर प्रशासन की ओर से सम्मेलन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या लिमिटेड की जा रही है, जिसकी बसपा कड़े शब्दों में निंदा करती है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस तरह की शर्तें केवल बसपा के लिए ही क्यों? मायावती ने काशगंज की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां कार्यक्रम के सफल आयोजन के बाद पुलिस की ओर से कुछ नेताओं और पदाधिकारियों के जबरन खिलाफ केस दर्ज कर लिए गए हैं. ऐसा करके सरकार बसपा के लोगों को डराना चाहती है, लेकिन ऐसा करने से इन लोगों में भाजपा के खिलाफ एक नया जोश पैदा हो गया है.

 वैसे भी यहां ब्राह्मण समाज नहीं पूरा देश देख रहा है कि किसी भी चुनाव के कार्यक्रम आदि में भाजपा नेताओं और मंत्रियों को लिए कोई कोरोना पाबंदी नहीं है. लेकिन अन्य व विपक्ष की पार्टियों के लिए सारे नियम सक्रिय हो जाते हैं. ऐसा ही बसपा के प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलनों में भी देखने को मिल रहा है.  बसपा सुप्रीमो ने कहा पार्टी का यह प्रबुद्ध वर्ग का कारवां न तो रुकने वाला है और नहीं झुकने वाला है. बल्कि हर तरह की सरकारी अड़चनों व बाधाओं का सामना करते हुए आगे बढ़ता रहेगा. इसके साथ ही इसके स्वरूप को विस्तार देने के लिए अब गांव- गांव तक ले जाया जाएगा और ब्राह्मण समाज से जोड़ा जाएगा. जिसका परिणाम आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.



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