बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों को एक बहुत बड़ी सौगात दी है। अपने आठवें बजट भाषण में उन्होंने किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। यह कदम किसानों को खेती-किसानी के लिए मिलने वाली वित्तीय मदद को और अधिक सुलभ बनाएगा। अगर आप भी किसान हैं या खेती के काम से जुड़े हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत अहम है। तो चलिए जानते हैं कि इस फैसले से किसानों को कैसे फायदा होगा और इसके पीछे की वजह क्या है।
क्या है किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)?
किसान क्रेडिट कार्ड एक सरकारी योजना है, जिसका मकसद किसानों को सस्ते लोन मुहैया कराना है। इस कार्ड के जरिए किसानों को खेती से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए सस्ते ब्याज दरों पर लोन मिलता है। पहले इस कार्ड से केवल 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को खेती के लिए ज्यादा वित्तीय मदद मिलेगी, जिससे वे बेहतर ढंग से अपनी कृषि गतिविधियों को चला सकेंगे।
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट में कितना हुआ बदलाव?
अब तक किसानों को KCC के तहत 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता था। लेकिन बजट 2025 में वित्त मंत्री ने इसकी लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया है। इससे किसानों को अपनी खेती के लिए और ज्यादा वित्तीय सहायता मिलेगी। किसान अब इस कार्ड से ज्यादा लोन लेकर अपनी खेती में और बेहतर निवेश कर सकेंगे। यह कदम न सिर्फ किसानों को राहत देगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
KCC पर मिलती है कितनी ब्याज दर?
किसान क्रेडिट कार्ड पर किसानों को 4 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर पर लोन मिलता है। यह ब्याज दर अन्य सरकारी योजनाओं की तुलना में बहुत कम है। इस स्कीम का फायदा यह है कि किसानों को लोन के लिए ज्यादा ब्याज नहीं देना पड़ता। इस लोन का इस्तेमाल किसान बीज, उर्वरक, कीटनाशक, सिंचाई, कृषि यंत्र, और खेती से जुड़े अन्य खर्चों के लिए कर सकते हैं।
क्या हैं KCC स्कीम की विशेषताएं?
किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम को 1998 में शुरू किया गया था। तब से लेकर अब तक इस योजना के तहत करोड़ों किसानों को फायदा हुआ है। इस योजना के तहत किसानों को शॉर्ट टर्म लोन दिया जाता है और सरकारी छूट के कारण लोन की ब्याज दर भी बहुत कम होती है। किसानों को लोन पर 2 प्रतिशत की छूट दी जाती है और अगर वे समय पर लोन का भुगतान करते हैं, तो उन्हें और 3 प्रतिशत की छूट मिलती है। इसका मतलब यह है कि समय पर लोन चुकता करने वाले किसानों को सिर्फ 4 प्रतिशत ब्याज पर लोन मिलता है।
किसानों को कितना फायदा हुआ है अब तक?
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 30 जून 2023 तक 7.4 करोड़ से ज्यादा किसानों ने लोन लिया था और इन किसानों पर कुल 8.9 लाख करोड़ रुपये का बकाया था। इस योजना ने किसानों को आर्थिक संकटों से उबरने में काफी मदद की है और वे अपनी खेती के लिए जरूरी खर्चों को आसानी से पूरा कर पा रहे हैं। अब KCC की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने से किसानों को और अधिक वित्तीय मदद मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
KCC लिमिट बढ़ने से क्या होगा फायदा?
अगर किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाती है, तो इससे कई तरह के फायदे होंगे।
- अधिक लोन मिलेगा: किसानों को अपनी खेती के लिए अधिक लोन मिलेगा, जिससे वे बड़े पैमाने पर कृषि कार्य कर सकेंगे।
- कम ब्याज दर पर लोन: 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन मिलने से किसानों को अन्य कर्जों की तुलना में काफी सस्ता लोन मिलेगा।
- आर्थिक मदद: अब किसानों को खेती के लिए अधिक वित्तीय मदद मिलेगी, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर तरीके से चला सकेंगे।
- अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: इस फैसले से कृषि क्षेत्र को भी प्रोत्साहन मिलेगा और इससे देश की समग्र अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
किसान क्रेडिट कार्ड की पृष्ठभूमि
किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम 1998 में शुरू हुई थी, जब किसानों के लिए सस्ता और सुलभ लोन उपलब्ध कराना जरूरी था। इस स्कीम के तहत किसानों को खेती और कृषि से जुड़े कामों के लिए लोन दिया जाता है। इस लोन पर सरकार ने 2 प्रतिशत ब्याज दर की छूट प्रदान की है और समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है। इसके अलावा, इस योजना का फायदा लेने के लिए किसानों को विभिन्न बैंक शाखाओं में आवेदन करना होता है, जो उनकी वित्तीय स्थिति और खेती की जरूरतों के आधार पर लोन मंजूर करते हैं।