आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया। यह बजट मोदी सरकार 3.0 का दूसरा पूर्ण बजट है, जिसे 2024 लोकसभा चुनावों में जीत के बाद पेश किया गया है। इस बजट में सरकार ने कई क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिनमें कृषि, निर्माण, रोजगार, लघु और मध्यम उद्योग (MSME), ग्रामीण विकास और इनोवेशन जैसे 10 प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
इस बार के बजट में कई अहम ऐलान किए गए हैं, जो आम आदमी से लेकर कारोबारियों तक के लिए महत्वपूर्ण हैं। आइए जानते हैं, इस बजट में सस्ती हुई चीजें कौन सी हैं और किन चीजों पर खर्च बढ़ने वाला है।
सस्ती हुई ये चीजें
- दवाओं पर सीमा शुल्क की छूट
इस बजट में सरकार ने कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली 36 दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को खत्म कर दिया है। इसके अलावा, 37 अन्य दवाओं को भी सीमा शुल्क से छूट दी गई है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब इन दवाओं की कीमतें कम होंगी, जिससे आम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं पर राहत मिलेगी। - कोबाल्ट उत्पाद, एलईडी और बैटरी
सरकार ने कोबाल्ट उत्पाद, एलईडी, जिंक, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप और 12 जरूरी मिनरल्स पर भी सीमा शुल्क को पूरी तरह से हटा दिया है। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स और बैटरी आधारित उत्पादों की कीमतों में कमी आ सकती है। इस बदलाव से LCD, LED और मोबाइल फोन जैसे उत्पाद सस्ते हो सकते हैं। - जहाज निर्माण इंडस्ट्री को बढ़ावा
सरकार ने जहाज निर्माण इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कच्चे माल पर सीमा शुल्क की छूट अगले 10 वर्षों तक बढ़ा दी है। इसका फायदा यह होगा कि इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बन सकते हैं और इंडस्ट्री में महंगाई कम हो सकती है। - मछली उत्पाद सस्ते होंगे
मछली पाश्चराइजेशन के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर सीमा शुल्क को 30% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे मछली और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतें कम हो सकती हैं, जिससे समुद्री उत्पादों का उपयोग करने वाले लोगों को राहत मिल सकती है। - हस्तशिल्प उत्पाद सस्ते होंगे
सरकार ने हाथ से बने पारंपरिक चीजों के उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है, जिसके तहत हस्तशिल्प प्रोडक्ट्स के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। इससे कारीगरों को लाभ मिलेगा और पारंपरिक वस्तुओं की कीमतों में कमी हो सकती है। - चमड़ा उत्पादों पर राहत
वेट ब्लू लेदर (कच्चा चमड़ा) पर सीमा शुल्क को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। इससे जूते, लेदर जैकेट, बेल्ट, पर्स जैसे चमड़ा उत्पाद सस्ते हो सकते हैं, जिससे चमड़ा उद्योग को भी मजबूती मिल सकती है।
महंगी हुई ये चीजें
- इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले
सरकार ने इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर सीमा शुल्क को 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया है। इसका सीधा असर स्मार्ट बोर्ड और बड़े टचस्क्रीन डिस्प्ले वाले उपकरणों की कीमतों पर पड़ेगा, जिससे इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं। सरकार ने यह कदम उलटे शुल्क ढांचे (Inverted Duty Structure) को सुधारने के लिए उठाया है। - अस्थायी कर निर्धारण पर बदलाव
सरकार ने प्रोविजनल असेसमेंट (अस्थायी कर निर्धारण) के लिए दो साल की समय-सीमा तय कर दी है, जिससे व्यापारियों को कर निर्धारण में अधिक समय मिलेगा, लेकिन यह व्यवस्था कारोबारियों के लिए महंगी पड़ सकती है।
पिछले साल के बजट की तुलना में क्या हुआ बदलाव?
अगर पिछले साल के बजट की बात करें तो सरकार ने मोबाइल फोन, सोना, चांदी और तांबे की कीमतों को कम करने के लिए कुछ उपाय किए थे। साथ ही, तीन कैंसर की दवाओं पर भी सीमा शुल्क को समाप्त कर दिया गया था।
इसके अलावा, पिछले साल सरकार ने गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक पर कस्टम ड्यूटी को 25% तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, ताकि पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। साथ ही, सरकार ने कुछ टेलीकॉम उपकरणों पर सीमा शुल्क को 10% से बढ़ाकर 15% कर दिया था।
इस साल के बजट में सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई राहत दी हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में शुल्क बढ़ाकर संतुलन बनाए रखा है।
क्या है इस बजट का उद्देश्य?
सरकार का उद्देश्य इस बजट के जरिए देश में बड़े सुधार लागू करना है। खासतौर पर उन क्षेत्रों में बदलाव लाना है जो लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी से जुड़े हैं। इसके तहत सरकार ने दवाओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, और पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए हैं। इसके साथ ही कुछ उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर बाजार में संतुलन बनाए रखने की कोशिश की गई है।