वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2025 का बजट पेश किया। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट था, जिस पर देश भर की नजरें थीं। बजट में किसानों, लघु उद्योगों, और समाज के विभिन्न वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कुछ दिन पहले संकेत दिए थे कि इस बजट में गरीबों, महिलाओं और मध्यम वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं होंगी। आइए जानते हैं कि इस बजट में क्या कुछ खास है।
छोटे उद्योगों के लिए नई योजनाएं
देश के छोटे उद्योगों और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे हैं। इस बार सी-फूड सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना लाने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा मछली पालन, दाल उत्पादन और कपड़ा उद्योग के लिए भी बजट में कई नई योजनाओं की घोषणा की गई है। खासकर बिहार और उत्तर-पूर्वी राज्यों के मछली पालन और अन्य उद्योगों को इस योजना का फायदा मिलेगा।
अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए विशेष लोन योजना
मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने अगले 5 साल में इस वर्ग को टर्म लोन देने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) के लिए लोन की सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का ऐलान किया गया है। यह कदम खासकर छोटे उद्यमियों के लिए फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट में वृद्धि
किसानों के लिए एक और बड़ी घोषणा की गई है। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से लोन लेने की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। यह कदम किसानों के लिए बहुत राहत देने वाला साबित होगा, खासकर उन किसानों के लिए जो छोटे और मंझले किसान हैं। इसके अलावा सरकार ने कृषि क्षेत्र में और भी कई सुधारों की घोषणा की है, जो किसानों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेंगे।
बिहार के लिए मखाना बोर्ड
बिहार में मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। वित्त मंत्री ने मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा की है, जिससे बिहार के मखाना उत्पादकों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इस बोर्ड के जरिए मखाना की बेहतर मार्केटिंग भी होगी, जिससे किसानों की आय बढ़ सकेगी। बिहार मखाना उत्पादन में प्रमुख राज्य है और यहां के किसान अब इससे बेहतर लाभ उठा सकेंगे।
सरकार की उपलब्धियां
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि इस बजट का उद्देश्य आम जनता, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटी है, और यह बजट उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है।
पीएम मोदी का बयान: “यह बजट आम आदमी के लिए है”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पेश होने से पहले संसद में बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट विशेष रूप से आम आदमी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह बजट देश के युवाओं, किसानों, गरीबों और महिलाओं के लिए है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह बजट देश के आर्थिक विकास को गति देने के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाओं से भरा हुआ है।
कैबिनेट मीटिंग से पहले अंतिम निर्णय
बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट मीटिंग की। इस मीटिंग में बजट पर अंतिम मुहर लगाई गई। यह बजट पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव भी कर सकता है। साथ ही, किसान सम्मान निधि और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में सहायता राशि बढ़ाने का भी ऐलान किया जा सकता है।
विधेयक और अन्य बदलाव
बजट सत्र में कुछ अहम विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। इनमें वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक, बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन और भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम जैसे विधेयक शामिल हैं। इस बार का बजट सत्र न केवल बजट के लिए, बल्कि इन महत्वाकांक्षी विधेयकों के लिए भी चर्चा का विषय बनेगा।
निर्मला सीतारमण का 8वीं बार बजट पेश करना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए यह 8वीं बार बजट पेश करना था। अब तक उन्होंने 6 पूर्णकालिक और 2 अंतरिम बजट पेश किए हैं। इस बार के बजट में वैश्विक मंदी के संकेतों को देखते हुए कुछ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन साथ ही आम जनता को राहत देने के लिए नई योजनाओं की भी घोषणा की जा सकती है।
इस बजट के माध्यम से सरकार ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि उसका ध्यान समाज के हर वर्ग की भलाई पर है, खासकर गरीबों, किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए। आने वाले समय में इस बजट का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल के लिए यह बजट उम्मीदों से भरा हुआ है।