बजट 2025: मिडिल क्लास को मिल सकती है टैक्स राहत, इनकम टैक्स स्लैब में हो सकता है बड़ा बदलाव

बजट 2025 में मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिल सकती है, खासकर इनकम टैक्स में कुछ बदलावों के जरिए। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार 8वां बजट पेश करने जा रही हैं, और इस बार उनका फोकस देश के कमजोर वर्गों, खासकर मिडिल क्लास को राहत देने पर हो सकता है। यह बजट आर्थिक वृद्धि को फिर से पटरी पर लाने के साथ-साथ आम आदमी की जेब में भी थोड़ी राहत दे सकता है। आइए जानते हैं कि बजट 2025 में मिडिल क्लास के लिए क्या कुछ खास हो सकता है और क्या हम टैक्स राहत की उम्मीद कर सकते हैं।

मिडिल क्लास को मिलेगी टैक्स राहत

आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, बजट 2025 में इनकम टैक्स स्लैब में राहत मिलने की संभावना है। खासकर मिडिल क्लास को टैक्स में बड़ी छूट मिल सकती है, ताकि महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे आम आदमी को कुछ राहत मिल सके। निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गरीब और मध्यम वर्ग के उत्थान के लिए जो आह्वान किया था, उसका असर बजट में देखने को मिल सकता है। अगर इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव हुआ, तो यह खासकर निम्न मध्यम वर्ग के लिए राहत का कारण बनेगा।

टैक्स स्लैब में क्या बदलाव हो सकते हैं?

वर्तमान में आयकर की तीन प्रमुख श्रेणियां हैं—2.5 लाख से 5 लाख, 5 लाख से 10 लाख, और 10 लाख रुपये से ऊपर। अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इनकम टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव हो सकते हैं, जिसमें 5 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने की संभावना है। यानी जो लोग 5 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें आयकर में कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इसके अलावा, 10 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स में कुछ राहत मिल सकती है।

अगर ऐसा होता है तो यह मिडिल क्लास के लिए बहुत बड़ी राहत होगी, खासकर वे लोग जिनकी वार्षिक आय 5 से 10 लाख रुपये के बीच है। इसके अलावा, टैक्स रेट में भी कुछ कटौती हो सकती है, ताकि लोगों की खरीददारी की क्षमता बढ़े और वे आर्थिक मंदी से बाहर निकल सकें।

राजकोषीय घाटा और सरकारी खर्च में वृद्धि

बजट में सरकार की प्राथमिकता राजकोषीय घाटे को काबू में रखना होगा, लेकिन इसके साथ ही कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को भी सहारा देना होगा। ऐसे में सरकार का खर्च बढ़ाने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, और रोजगार सृजन के लिए ज्यादा बजट आवंटित कर सकती है, जिससे आम आदमी को फायदा हो।

इसके अलावा, डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार का कहना है कि चुनाव के बाद सरकार का खर्च बढ़ेगा, जिससे आगे आने वाले तिमाहियों में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। सरकारी खर्च में वृद्धि के जरिए न केवल बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी, बल्कि रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।

कैपेक्स में 20% बढ़ोतरी की उम्मीद

ईवाई (अर्नेस्ट एंड यंग) के मुताबिक, आने वाले बजट में पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) में 20% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इससे न सिर्फ सरकारी योजनाओं को गति मिलेगी, बल्कि इससे आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। निवेश बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से कई प्रमुख कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिले।

राजकोषीय समेकन के साथ विकास के उपाय

डीबीएस की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव का कहना है कि केंद्र सरकार इस बार बजट में राजकोषीय समेकन पर जोर दे सकती है और लोकलुभावन योजनाओं से दूर रहकर स्थिरता को प्राथमिकता दे सकती है। सरकार का प्रयास रहेगा कि आर्थिक स्थिति को सुधारते हुए अधिक खर्च किया जाए, जिससे उत्पादन और रोजगार बढ़ सके।

क्या मिल सकता है और क्या उम्मीद की जा सकती है?

बजट 2025 के दौरान मिडिल क्लास को राहत देने के लिए इनकम टैक्स में कटौती या स्लैब में बदलाव की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकारी खर्च बढ़ाकर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उपाय किए जा सकते हैं। पूंजीगत व्यय में 20% तक बढ़ोतरी का भी अनुमान है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

यदि सरकार इन उपायों को लागू करती है, तो यह बजट खासकर मिडिल क्लास के लिए एक वरदान साबित हो सकता है।

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