बुलंदशहर हिंसा के आरोप में भारतीय सेना के जवान जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को सेना ने मेरठ एसटीएफ को सौप दिया है. जीतू फौजी को आज बुलंदशहर की कोर्ट में पेश किया जाएगा.
इससे पहले शानिवार को जीतू फौजी के भाई ने उसका बचाव करते हुए कहा था कि जीतू घटना वाली जगह पर नहीं था. लेकिन एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि जीतू ने कबूल कर लिया है कि जब भीड़ इकट्ठा हुई तो उस वक्त वो वहां मौजूद था.
3 दिसबंर को बुलंदशहर में कथित गोकशी के हिंसा भड़की थी. जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत 2 लोगों की मौत हो गई थी. हिंसक भीड़ ने कई वाहनों को फूक डाला था. जम्मू-कश्मीर के सोपोर में तैनात 22 राजपूत राइफल्स का जवान जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी भी उस का हिस्सा था.
पुलिस ने जीतू फौजी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है. अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हो पाई है कि इंस्पेक्टर सुबोध को जो गोली लगी वो जीतू ने ही चलाई थी. लेकिन पुलिस पूछताछ के दौरान उशने कबूला की वो उस भीड़ का हिस्सा था. पुलिस पूछताछ में जीतू ने कहा कि वो गांववालों के साथ वहां गया था, लेकिन पुलिस पर पत्थरबाजी नहीं की थी.