BUS POLITICS: गरीब मजदूरों की बेबसी पर बेहूदा तमाशा क्यों?

नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना संकट काल में मजदूरों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय अब राजनीति शुरू हो गई है। हजारों मजदूरों के दिलों में घर जाने की आस जगाकर पिछले लगभग एक सप्ताह से उनकी भावनाओं के साथ खेला जा रहा है। कांग्रेस ने कहा हम 1000 बस चलाएंगे। ना.. ना.. कर रही योगी सरकार की तरफ से जब हां हुई तो, कांग्रेस ने बसों की जगह ऑटो.. मोटर साइकिल.. व मिनी बस की लिस्ट थमा दी। अब प्रश्न यह उठता है कि कांग्रेस किस दम पर मजदूरों की मदद का दावा कर रही थी? ऑटो रिक्शा, मोटर साइकिल और मिनी बस में कितने मजदूर जाएंगे और इन वाहनों में सोशल डिस्टेंसिंग का नियम कैसा अपनाया जा सकेगा। हो सकता है., उम्मीद लगाए बैठे मजदूरों को इन सियासी दाव पेंच का इल्म भी न हो, लेकिन उनके साथ बेहूदा तमाशा अब भी जारी है।

इसे भी पढ़ें: Lock down 4.0 में यूपी को मिली बड़ी राहत, निजी वाहन से चलिये लेकिन इन शर्तों के साथ

मजदूरों की लाचारी पर ऐसे शुरू हुई सियासी मारामारी

प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के मुद्दे ने सियासी रंग लेना तब शुरू किया जब कांग्रेस ने 1000 बसों की पेशकश की। अब योगी आदित्यनाथ सरकार और कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी के बीच खत के जरिये युद्ध शुरू हो गया है। राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने सोमवार शाम को कांग्रेस से बसों की सूची मांगी थी। इस पर प्रियंका गांधी के सचिव संदीप सिंह ने सरकार को चिट्ठी लिखी है। आपको बता दें कि अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी निजी सचिव संदीप सिंह को पत्र भेजा। इसमें उन्होंने लिखा कि सभी बसें लखनऊ स्थित वृंदावन योजना सेक्टर- 15 और 16 में पूर्वाह्न 10 बजे लाकर खड़ी करें। सभी बसों के चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, परिचालकों के परिचय पत्र और बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र जिलाधिकारी लखनऊ को सौंप दें। अनुमति पत्र दे दिए जाएंगे।

संदीप सिंह का जवाब

इस पत्र के जवाब में संदीप सिंह ने भी पत्र लिखा और कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजियबाद और गाजीपुर बॉर्डर से 500 बसें और नोएडा से 500 बसें चलाकर दिल्ली-एनसीआर में फंसे प्रवासी श्रमिकों व कामगारों को घर लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी। इस संबंध में हमसे बसों और चालकों का विवरण मांगा गया, जिसे कुछ समय के बाद ईमेल से उपलब्ध करा दिया गया, लोकिन आश्चर्य की बात यह है कि मुख्यमंत्री ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि वह पिछले दिन तीन दिनों से हमसे बसों की सूची मांग रहे थे।

फिर सोमवार देर रात 11.40 बजे ईमेल से यूपी सरकार का एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें 1000 बसों का तमाम दस्तावेज लखनऊ में सुबह 10 बजे देने की बात कही गई है। यही नहीं संदीप सिंह ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगात हुये कहा कि खाली बसों को लखनऊ भेजना समय की बर्बादी है बल्कि अमानवीयता है। हम यूपी के बॉर्डर पर फंसें हजारों श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिये प्रतिबद्ध हैं। गाजियाबाद और गाजीपुर बॉर्डर पर बसों को चलाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जाएं।

इसे भी पढ़ें: योगी के चार सवाल से कांग्रेस चारों खाने चित, प्रियंका गांधी पर जमकर बरसे

सरकार ने गाजियाबाद में बसें मंगाई

अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने संदीप सिंह के पत्र का जवाब देते हुये लिखा कि आप लखनऊ में बसें देने में असमर्थ हैं इसलिये 500 बसें गाजियाबाद में 12 बजे तक उपलब्ध करा दें। बसों से जुड़ी सारी जानकारी जिलाधिकारी गाजियाबाद को दें।

बस पॉलिटिक्स में नया ट्विस्ट

योगी सरकार ने कांग्रेस पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने जो बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर दिए हैं, उनमें टू व्हीलर और थ्री व्हीलर के नंबर हैं। कांग्रेस फर्जीवाड़ा कर रही है। अब प्रियंका और राहुल की मां सोनिया गांधी को जवाब देना होगा। सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस से जो बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर मांगे गए थे तो उन्होंने 1 हजार बसों के नंबर दिए। हमने उनकी जांच शुरू की तो चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। बसों के रजिस्ट्रेशन के नाम पर थ्री व्हीलर का रजिस्ट्रेशन नंबर निकला तो कहीं टाटा मैक्स का। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ‘हमने जांच की तो चौंकाने वाली बात पता चली। सरकार के पोर्टल वाहन में ही सारी जानकारियां निकाली गई हैं। उन्होंने हजार बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर दिए हैं। बसों के नाम पर गुड्स कैरियर दे दिए। सामान ढोने वाले वाहनों से श्रमिकों को लाएंगे?’

Previous articleLockdown 4.0 में यूपी को मिली बड़ी राहत, निजी वाहन से चलिये लेकिन इन शर्तों के साथ
Next articleपाकिस्तान के मंसूबों पर तालिबान ने फेरा पानी, कश्मीर से किया किनारा, बोला- भारत का आंतरिक मामला