केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को पहले अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए क्योंकि जो ऐसा नहीं कर सकता, वह ‘देश नहीं संभाल सकता.’
पहले घर संभाले
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को शनिवार को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा, ‘मैं कई लोगों से मिला हूं जिन्होंने कहा है कि हम देश के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं. मैं (ऐसे लोगों से) कहता हूं, आप क्या कर रहे हैं और आपके परिवार में और कौन लोग हैं. वह बतातें हैं कि मैंने अपनी दुकान बंद कर दी है क्योंकि वह ठीक से नहीं चल रही थी. घर में पत्नी, बच्चे हैं.’
इस पर गडकरी ने कहा कि, ‘मैं (उनसे) कहता हूं, पहले अपने घर की देखभाल करें, क्योंकि जो अपना घर नहीं संभाल सकता, वह देश नहीं संभाल सकता. ऐसे में पहले अपना घर संभालें और अपने बच्चे, संपत्ति देखने के बाद पार्टी और देश के लिए काम करें.’
सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं
इससे पहले नितिन गडकरी के एक बयान से सियासी पारा गरमा गया था. ईशा कोप्पिकर को बीजेपी में शामिल कराने के कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा था कि सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है. इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकें. गडकरी ने कहा कि मैं सपने दिखाने वाले में से नहीं हूं, मैं जो बोलता हूं वो 100 फीसदी डंके की चोट पर पूरा करता हूं.
लोकसभा चुनाव से पहले नितिन गडकरी के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. गौरतलब है कि विपक्षी दल पीएम मोदी को सपनों के सौदागर का तमगा दे चुका है और अच्छे दिनों के नारे पर जमकर चुटकी ली जाती है. ऐसे में गडकरी के इस बयान पर राजनीतिक ड्रामा होना तय माना जा रहा है.
70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर नितिन गडकरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ गुफ्तगू करते देखे गए थे, एक कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ भी की थी और इन सब के बाद सपने दिखाने वाले नेताओं की पिटाई का बयान गडकरी के लिए मुश्किलों का सबब बन सकता है.