रामनगरी में भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह बस 8 दिन बाद 22 जनवरी को होने जा रहा है। इस प्राण प्रतिष्ठा को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ कराया जा रहा है। मोदी ही इस बड़े समारोह के मुख्य यजमान हैं। भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 8000 विशिष्ट अतिथि और साधु-संत मौजूद रहेंगे। ताजा जानकारी ये है कि प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मौजूद रहने के लिए 4 दर्जन से ज्यादा यानी 55 देशों के नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया है। ये नेता मौजूद रहेंगे या नहीं, इसकी जानकारी नहीं मिली है, लेकिन तमाम देशों के राजदूत जरूर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले हैं।
विश्व हिंदू फाउंडेशन के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानंद के हवाले से मीडिया की खबर है कि भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 55 देशों के 100 नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। इनमें नेपाल के नेता भी हैं। बता दें कि नेपाल के जनकपुर में ही माता सीता का मायका माना जाता है। माता सीता के पिता का नाम महाराज जनक था और भगवान राम ने शिव धनुष तोड़कर माता सीता को स्वयंवर में अपनी पत्नी बनाया था। ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा में नेपाल के राजदूत के शामिल होने की पूरी संभावना है। नेपाल के राजदूत पहले भी कह चुके हैं कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह से उनके देश में भी लोग काफी उत्साह में हैं।
मॉरीशस की सरकार ने अपने यहां के हिंदू सरकारी अफसरों के लिए 22 जनवरी को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक विशेष छुट्टी का एलान किया है। अब जानकारी ये मिली है कि मॉरीशस के पीएम प्रविंद्र कुमार जगनाथ भी अपने देश की राजधानी में होने वाली विशेष पूजा में भागीदारी करेंगे। बता दें कि मॉरीशस में रहने वाले तमाम लोगों के पूर्वज उत्तर भारत के पूर्वांचल के थे। उनको अंग्रेज अपने साथ मजदूरी कराने मॉरीशस ले गए थे। तब उनको गिरमिटिया कहा जाता था।