भारत और कनाडा के बीच चल रहा विवाद किसी से छिपा नहीं है। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए कनाडा की तरफ से भारत को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अपने देश की संसद में भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगा चुके हैं। इतना ही नहीं, भारत के डिप्लोमैट को भी इस मामले की वजह से बर्खास्त कर दिया गया था। पर जो ट्रूडो कुछ दिन पहले तक भारत के प्रति आक्रामक नज़र आ रहे थे, अब उनके सुर बदल गए हैं।
कनाडा के आरोप को भारत पहले ही नकार चुका है और इसे बेबुनियाद और बेतुका बता चुका है। साथ ही भारत ने भी जवाब में कनाडा के डिप्लोमैट ओलिवियर सिल्वेस्टेर को बर्खास्त करते हुए देश छोड़ने के लिए कह दिया है। इतना ही नहीं, भारत ने कनाडा के लिए वीज़ा सर्विस को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। साथ ही अपने देशवासियों को भी कनाडा न जाने की सलाह दी है। भारत से विवाद के चलते कई भारतीय बिज़नेस कंपनियों ने भी कनाडा से हाथ खींचना शुरू कर दिया है। वहीं भारत की सख्ती की वजह से कनाडा को इस पूरे मामले में दूसरे देशों का भी साथ नहीं मिल रहा है।
भारत के सख्त एक्शन के बाद कनाडाई पीएम ट्रूडो के सुर बदल गए हैं। ट्रूडो ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेन्स्की के साथ की एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह भारत के साथ सभी ज़रूरी डिटेल्स शेयर करने के लिए तैयार हैं। ट्रूडो ने कहा कि भारत और कनाडा को इस मामले में साथ मिलकर काम करना चाहिए और उम्मीद जताई कि दोनों देश इस मामले पर एक साथ आ सके।