दिल्‍ली मेट्रो में नहीं कर सकते खड़े होकर यात्रा , प्रति कोच 50 यात्री ही कर सकेंगे सफर

नई दिल्ली। दिल्ली में जानलेवा कोरोना महामारी को बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली मेट्रों में यात्रा के मद्देनज़र कई प्रतिबंद्ध लगाए गए थे. लेकिन ये प्रतिबंद्ध अब कम होते मामलों को बाद हटा दिए गए हैं. दिल्ली में फिर शत प्रतिशत सीट क्षमता के साथ परिचालित होंगी. मेट्रो अधिकारियों ने कहा कि 26 जुलाई से ट्रेनें पूरी सीट क्षमता के साथ परिचालित होंगी, लेकिन खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी.

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) कोरोना वायरस के कारण लंबे समय के बाद मेट्रो सेवाएं बहाल होने पर सात जून से 50 प्रतिशत सीट क्षमता के साथ ट्रेनों का परिचालन कर रही है. नए दिशानिर्देशों के मद्देनजर आम आदमी अब 26 जुलाई से अगले आदेश तक दिल्ली मेट्रो में उसकी पूरी सीट क्षमता (प्रति डिब्बा करीब 50 व्यक्ति) के साथ यात्रा कर सकेंगे.’’

हालांकि मेट्रो ट्रेनों के डिब्बों में यात्रियों के खड़े होकर यात्रा करने की अब भी कोई अनुमति नहीं होगी, जैसा कि सात जून से है. दिल्ली में अप्रैल और मई महीने में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण के मामलों और मौतों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई थी. हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में सुधार आया है, जिसके बाद सरकार चरणबद्ध तरीके से शहर को दोबारा खोल रही है.

डीडीएमए की तऱफ से जारी नए अनलॉक दिशानिर्देश के मुताबिक, सोमवार से राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो और सार्वजनिक बसों का परिचालन शत प्रतिशत सीट क्षमता के साथ होगा, जबकि सिनेमा घर, मल्टीप्लेक्स 50 प्रतिशत क्षमता से खोले जा सकेंगे. कारोबारी प्रदर्शनी लगाने की भी अनुमति दी गई है, लेकिन इनमें केवल कोरोबारी आगंतुक ही शामिल हो सकेंगे, आम दर्शकों को इनमें प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

नवीनतम आदेश में शादी समारोह और अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की अधिकतम संख्या भी सोमवार से बढ़ाकर 100 कर दी गई है. डीडीएमए ने कहा कि दिल्ली के स्पा 26 जुलाई से खुलेंगे, इनमें काम करने वाले कर्मचारियों का पूर्ण टीकाकरण (टीके की दोनों खुराक) या हर पखवाड़े आरटी-पीसीआर जांच कराया जाना अनिवार्य होगा.

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