नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। शुक्रवार को आयोजित परीक्षा के दौरान, कुछ लोगों ने अफवाह फैलानी शुरू कर दी कि प्रश्नपत्र लीक हो गया है। इस मामले में इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार की शिकायत पर हुसैनगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री यासर शाह का नाम भी शामिल है। यासर शाह पर आरोप है कि उन्होंने प्रश्नपत्र लीक होने की बेबुनियाद अफवाह सोशल मीडिया पर फैलायी। यह अफवाह टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर फैलाई जा रही थी।
विवेक कुमार ने इसकी शिकायत पुलिस से की
यासर जी ने भी विवेक कुमार की पोस्ट को आगे बढ़ाया ताकि भ्रम पैदा करने वाला पकड़ा जाए
टेलीग्राम पर कुछ लोग फर्जी तरीके से पुलिस का पेपर लीक कराने के लिए पैसे मांग रहे थे
अब योगी ने फर्जीवाड़ा की जानकारी देने वाले यासर जी पर मुकदमा कर दिया… pic.twitter.com/fGqPYKitax
— Jaysingh Yadav SP (@JaysinghYadavSP) August 23, 2024
एफआईआर में बताया गया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से प्रश्नपत्र लीक की अफवाह फैलाने का उद्देश्य परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से धन उगाही करना और सरकार की छवि खराब करना था। शिकायत में सोशल मीडिया आईडी का भी उल्लेख किया गया है।
इसके अतिरिक्त, गोरखपुर में पुलिस ने भर्ती परीक्षा से पहले चार लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें एक महिला कांस्टेबल भी शामिल है। इन लोगों के मोबाइल से पांच अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र बरामद किए गए हैं। एक व्यक्ति दिल्ली का निवासी बताया जा रहा है।
महिला कांस्टेबल को एसटीएफ और बांसगांव पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार किया, जहां से 5 प्रवेश पत्र और नकदी बरामद की गई। महिला कांस्टेबल श्रावस्ती में तैनात है और एसटीएफ की पूछताछ अभी भी जारी है। सूत्रों के अनुसार, महिला कांस्टेबल के पास से बरामद किए गए दस्तावेज और नकदी को लेकर पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने समय रहते उन्हें पकड़ लिया। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि ऐसी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि परीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहे।