वैज्ञानिक नंबी नारायणन को इस अफसर ने फर्जी जासूसी केस में फंसाया था, CBI की चार्जशीट में किया खुलासा

नई दिल्ली। इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन पर जासूसी का झूठा केस चलाने के मामले में सीबीआई की चार्जशीट में अहम खुलासे हुए हैं। सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी गई थी। सीबीआई ने चार्जशीट में दावा किया है कि केरल पुलिस की स्पेशल ब्रांच के तत्कालीन अफसर एस. विजयन ने मालदीव की महिला को भारत में अवैध रूप से हिरासत में रखने को सही ठहराने के लिए नंबी नारायण पर जासूसी का आरोप लगाने की साजिश रची। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि केरल पुलिस ने इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन, मालदीव की दो महिलाओं और 3 अन्य लोगों को जासूसी मामले में फंसाया था।

बता दें कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद नंबी नारायणन को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला था और वो जासूसी के आरोप से मुक्त हुए थे। इस मामले में सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर कहा है कि 1994 का इसरो जासूसी मामला पुलिस अफसर ने रचा। जांच एजेंसी ने जून के आखिरी हफ्ते में ये चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। केरल पुलिस की स्पेशल ब्रांच में रहे एस. विजयन पर अंगुली उठी है। विजयन रिटायर हो चुके हैं।

सीबआई ने चार्जशीट में कहा है कि मालदीव की मरियम रशीदा को वापस न लौटने देने के लिए उनकी भारत यात्रा संबंधी कागजात और विमान के टिकट एस. विजयन ने छीने थे। विजयन को जानकारी मिली कि मरियम रशीदा के इसरो वैज्ञानिक डी. शशिकुमारन से संपर्क हैं। इसके बाद रशीदा और उसकी सहेली फौजिया हसन पर नजर रखी गई। रशीदा वैध वीजा के बिना भारत में रह रही थी। इस वजह से उनको गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई ने चार्जशीट में कहा कि जब मरियम रशीदा की हिरासत की अवधि खत्म होने वाली थी, तब एस. विजयन ने झूठी रिपोर्ट पर उनको और फौजिया हसन को गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया। इसके बाद इसरो के वैज्ञानिक रहे नंबी नारायणन समेत 4 अन्य को भी गिरफ्तार किया गया। सीबीआई ने केरल पुलिस के डीजीपी रहे आरबी श्रीकुमार, एसपी रहे एस. विजयन, सिबी मैथ्यूज, केके जोशुआ और खुफिया अधिकारी रहे पीएस जयप्रकाश पर केस चलाने की सिराफिर की है। 13 अन्य आरोपियों पर केस चलाने के लिए सबूत नहीं मिले।

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