गृह मंत्रालय के जरिए सीबीआई ने पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के तहत अमेरिका से एनएसई को-लोकेशन घोटाला मामले में निराकार योगी की ईमेल आईडी का डेटा इकट्ठा करने के लिए संपर्क किया है। एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण ने सेबी को अपने एक दर्ज़ बयान में ये बताया था कि निराकार योगी उन्हें ईमेल के जरिए निर्णय लेने में मार्गदर्शन किया करता था।
गौरतलब है कि इस मामले में शेयर के खरीद बिक्री के लिए देश के कुछ जाने माने ब्रोकरों को ऐसी सुविधाएं दी गई थी , जिसके माध्यम से उन्हें देश के अन्य शेयर ब्रोकरों से पहले शेयर की कीमतों की जानकारी मिल जाती थी, जिसके बाद वो मन मानी मुनाफे का लाभ उठाया करते थे।
आपको बता दें कि इस पद्धति का उपयोग करके 5 साल में 50000 करोड़ का घोटाला किया गया है । सूत्रों के मुताबिक सर्वर को को-लोकेट करके सीधा एक्सेस दिया गया था। जो कि एनएसई के डिम्यूचुलाइजेशन और पारदर्शिता आधारित ढांचे का उल्लंघन करना है, इसकी जानकारी सेबी को एक अज्ञात सूत्र दिया गया था । आरोप यह भी है की इसमें NSE के अधिकारियों की भी संलिप्तता थी , जिनके मदद से ब्रोकर जानकारी का फायदा उठा रहे थे।
इस मामले में सीबीआई माइक्रोसॉफ्ट इंक से [email protected] आईडी का सारा मेटाडेटा और सामग्री डेटा लेना चाहता है ताकि जांच करने में मदद मिल सके।
सीबीआई ईमेल आईडी के जरिए हुई सारी एक्सचेंजों का विवरण चाहती है , जिन्हें खाते से उड़ा दिया गया है, मगर कम्पनी द्वारा फिर से हासिल किया जा सकता है। सीबीआई के अनुसार ईमेल आईडी का निर्माण 10 मार्च 2013 में सुब्रमण्यम द्वारा किया गया था।