उन्नाव रेप पीड़िता की हालत नाजुक, CBI जांच के लिए सरकार तैयार, विधायक के परिजन फरार

उन्नाव में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर एक रेप का आरोप लगाने के बाद मुकदमे की जोरदार पैरवी में जुटी रही पीड़िता और उसके चाचा पर समझौता करने का दबाव बहुत बनाया गया। जाने कितनी बार रेप पीड़िता के घर विधायक के आदमी धमकाने गये लेकिन पीड़िता और उसके परिजन समझौते के लिए राजी नहीं हुए। अब जब केस कोर्ट में चल रहा है तो विधायक के लोगों ने एक साजिश के तहत पीड़िता पर जानलेवा हमला करवाया। यह आरोप रविवार रात को पीड़िता के रिश्तेदारों ने ट्रॉमा सेन्टर में लगाया।

रिश्तेदारों का कहना है कि, अगर पीड़िता मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्महत्या करने की कोशिश ना की होती तो शायद आज आरोपी बाहर ही होते। विधायक केेभाई अतुल सिंह सेंगर ने जिस तरह से दबंगई दिखाते हुए बड़ी ही बेरहमी से पीड़िता के पिता की पिटाई की थी, फिर पुलिस से साठगांठ कर उन्हें ही जेल भिजवा दिया था। यह उस विधायक और उसके भाई की दबंगई का नमूना ही था। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की स्थिति नाजुक बनी हुई है। समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस समेत विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं योगी सरकार ने सीबीआई जांच मे अपनी सहमति दे दिया है। इसके लिए वे तैयार भी है। प्रियंका गांधी ने प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इनसे न्याय की उम्मीद बेकार है। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह मामला सिर्फ एक हादसा प्रतीत होता है। लेकिन अगर परिवार चाहे तो केस सीबीआई को सौंप सकते हैं।

 

यह है पूरा मामला-

उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर उन्नाव की एक किशोरी ने रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में पीड़िता ने आरोपी विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से नाराज होकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी। इसके दो दिन बाद ही विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता की बुरी तरह से पिटाई किया कि वह बुरी तरह से घायल हो गए फिर पुलिस से साठगांठ कर उन्हें ही जेल भिजवा दिया। उसी दौरान पीड़िता के घायल पिता की उन्नाव जेल में मौत हो गई थी। इस मामले में भी पुलिस दबाव में कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। पर, पीड़िता के पिता की मौत के बाद इस मामले मे ऐसा मोड़ आया कि, राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया। इसके बाद आनन फानन सरकार सख्त हो गई और विधायक के भाई अतुल सिंह व उसके गुंडों को गिरफ्तार कर लिया गया। अतुल ने ही माखी थाने की पुलिस से साठगांठ कर पिता को पीटा भी था और फिर उन्हें ही फर्जी मामले में फंसा कर जेल भिजवा दिया था। इस मामले के बाद मजबूरन सरकार को सीबीआई जांच के लिए मंजूरी देनी पड़ी और तत्काल इसकी जांच सीबीआई को दी गई। सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करते ही विधायक को गिरफ्तार कर लिया था। इसमें सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी लगा दी थी।

हादसे में घायल पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है। सीबीआई लखनऊ की पांच सदस्यीय टीम ट्रामा सेंटर पहुंच कर पीड़िता के परिजनों से बातचीत कर रही है।

वहीं, कार दुर्घटना के मामले में दोनों ही गाड़ियों की फॉरेंसिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं। पुलिस के मुताबिक ट्रक चालक के मोबाइल की काल डिटेल निकलवा कर जांच की गई, जिसमें किसी साजिश जैसे बात नहीं दिखी है।

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक ट्रक नंबर UP-71 AT-8300 का मालिक देवेंद्र किशोर पाल निवासी ललौली जिला फतेहपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। जबकि ट्रक ड्राइवर आशीष कुमार पाल पुत्र सूरजपाल निवासी अट्टी समदपुर, ललौली जिला फतेहपुर व ट्रक क्लीनर मोहन श्रीवास पुत्र सरवण निवासी पैलानी जिला बांदा उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।

पुलिस को दिए बयान में ड्राइवर आशीष कुमार पाल ने बताया है कि जब वह खाली ट्रक लेकर 28 जुलाई को रायबरेली से फतेहपुर लौट रहा था, तभी दोपहर 1 बजे के करीब विपरीत दिशा से आ रही तेज रफ्तार स्विफ्ट डिजायर कार से हादसा हो गया दुर्घटना के समय तेज बारिश हो रही थी, जिससे ड्राइवर संतुलन नहीं बन सका, और कार से टकरा गया।

वहीं, ट्रक मालिक देवेंद्र पाल ने पुलिस को बयान दिया है कि वह समय पर किश्तों का भुगतान करने में असमर्थ था और बहुत बार फाइनेंसर उन्हें परेशान कर रहे थे। इस वजह से उसने ट्रक के सामने की साइड नंबर प्लेट पर कुछ ग्रीस पेंट कर दिया था।

समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधमंडल अस्पताल में भर्ती पीड़िता से मिलने पहुंचा। इसमें एमएलसी सुनील साजन और एमएलसी उदयवीर सिंह व अन्य शामिल रहे। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करके हादसे में साजिश की आशंका जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि “उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे की खबर बेहद गंभीर है। इसी मामले में पूर्व में भी कुछ प्रमुख गवाहों की संदिग्ध अवस्था मे मृत्यु हो चुकी है, और कल का ये हादसा भी किसी बड़ी साज़िश की ओर इशारा कर रहा है।”

बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस हादसे को षड्यंत्र करार दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि “उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की कार की रायबरेली में कल ट्रक से टक्कर प्रथम दृष्टया उसे जान से मारने का षडयंत्र लगता है जिसमें उसकी चाची व मौसी की मौत हो गई, वह स्वंय व उसके वकील गंभीर रूप से घायल हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।”

इस मामले को लेकर जब उन्नाव लोकसभा सीट से सांसद साक्षी महाराज से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। वहीं पीड़िता से मिलने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष लखनऊ पहुंच गई हैं। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट में दी है। उन्होंने लिखा, “उन्नाव पीड़िता से मिलने लखनऊ हॉस्पिटल जा रही हूं। वो इस लड़ाई में अकेली नहीं हैं, पूरा देश उसके साथ है। उसकी सुरक्षा और ट्रीटमेंट सुनिश्चित करवाऊंगी। कोशिश करके बेहतर इलाज के लिए सभी इंतजाम दिल्ली में करवाऊंगी। अब उसके साथ और कोई साजिश ना होने पाए!”

बताया जा रहा है कि डीसीडब्ल्यू अध्यक्षा स्वाति मालीवाल और वंदना मरीज को देखने अंदर गईं, जबकि बाकी लोगों को बाहर रोक लिया गया है। स्वाति ने अपने ट्वीट में साजिश की बात लिखी है और ऐसा कहने वाली वह अकेली नहीं है। कई अन्य लोग भी इस दुर्घटना को साजिश करार दे रहे हैं। इसके पीछे दुर्घटना में इस्तेमाल में शामिल ट्रक के नंबर प्लेट से लेकर कई ऐसी बातें हैं जो इस घटना के साजिश होने की ओर इशारा करती हैं।

वहीं, लोकसभा की कार्रवाही शुरू होते ही सदन में इस हादसे को लेकर शोर-शराबा शुरू हो गया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए इस हादसा पर सवाल उठाया। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।

पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों? – प्रियंका गांधी

इन सवालों के जवाब बिना क्या भाजपा सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है? – प्रियंका गांधी
कार हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। हादसे को लेकर कई बड़े नेताओं ने आशंका जाहिर की है। इसी क्रम में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी एक ट्वीट करके भाजपा को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि पीड़िता के साथ सड़क दुर्घटना का हादसा चौंकाने वाला है। इसके बाद उन्होंने सवाल उठाया कि इस केस में चल रही CBI जांच कहां तक पहुची? साथ ही कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर कहा कि आरोपी विधायक अभी तक भाजपा में क्यों हैं? पीड़िता और गवाहों की सुरक्षा में ढिलाई क्यों? इसके बाद उन्होंने बीजेपी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इन सवालों के जवाब बिना क्या भाजपा सरकार से न्याय की कोई उम्मीद की जा सकती है?

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि ‘आदित्यनाथ सरकार जबाब दे! उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हादसा है या हत्या का षड्यंत्र? जब रक्षक भक्षक बन जाएं तो कौन करेगा न्याय?”

हादसा या हत्या को लेकर डीजीपी का बड़ा बयान

यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि उनकी सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं हुई। अपने वाहन में जगह की कमी के कारण, दुष्कर्म पीड़िता ने सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों से अनुरोध किया कि वह कल रायबरेली में उसके साथ न जाएं।  मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। प्राथमिक जांच से पता चलता है कि यह तेज रफ्तार ट्रक की वजह से हुआ एक हादसा है। ट्रक ड्राइवर और मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। यदि पीड़ित परिवार मामले की सीबीआई जांच की मांग करता है, तो इस मामले को सीबीआई को सौंप देंगे।

वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की दुर्घटना पर नियम 267 के तहत राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस पर नोटिस दिया है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, भारतीय महिलाओं के लिए एक नया विशेष शिक्षा बुलेटिन। इसके बाद राहुल गांधी ने तंज कसते हुए लिखा अगर किसी भाजपा विधायक पर दुष्कर्म करने का आरोप है तो भी उससे सवाल न पूछें।

लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता, अस्पताल पहुंचे एडीजी बोले- हालत गंभीर

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए हादसे को लेकर पुलिस हत्या की साजिश और दुर्घटना के कोण से जांच कर रही है। इस बीच लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने अस्पताल जाकर हालात का जायजा लिया। कृष्ण का कहना है कि डॉक्टरों के मुताबिक पीड़िता और उसका वकील लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। उनकी कुछ हड्डियां टूट गई हैं। एक के सिर पर भी लगी है। ट्रक को जब्त कर लिया गया है और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन अब तक किसी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है। मैंने परिजनों से कहा है कि वे जल्द रिपोर्ट कराएं। एडीजी ने कहा कि ट्रक के लाइसेंस नंबर पर काले रंग की हमे कोई जानकारी नहीं है लेकिन दोनों ही वाहनों की फोरेंसिक जांच होगी और उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।

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