चुनावी अखाड़े में सेलीब्रिटीज महकमा, प्रिया दत्त भी रहीं आगे

चुनाव में अपनी दाल कैसे गलानी है और राजनीति में कैसी धाक जमानी है यह नेताओं से अच्छा कौन जान सकता है. एक ओर सांसद हेमा मालिनी किसानों के साथ काम कराते हुए फोटोशूट कराते नजर आईं तो वहीं संबित पात्रा गरीबों के बीच खाना खाते नजर आए. ऐसे नजारे सिर्फ चुनाव के वक्त ही नजर आते हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने भी अब की बार चुनावी टिकट सेलीब्रिटीज को देने की ठान ली है. अब आप उर्मिला मारतोंडकर को ही ले लीजिए.
ऐसा नहीं है कि सेलिब्रिटीज पहली बार किसी पार्टी से जुड़े हैं. लेकिन इस बार चुनाव में ज्यादातर सेलिब्रिटीज को ही देखा जा रहा है. जिससे उनके फैंस पार्टी को वोट कर सकें.
फिलहाल, यहां बात अभिनेता और कांग्रेस नेता सुनील दत्त और नरगिस की बेटी प्रिया दत्त हो रही है. बता दें कि प्रिया मुंबई में कांग्रेस का एक सॉफ्ट चेहरा मानी जाती हैं.

जाने-माने अभिनेता और कांग्रेस नेता दिवंगत सुनील दत्त की बेटी प्रिया दत्त मुंबई नार्थ सेंट्रल से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी हैं. उन्होंने अपना पहला चुनाव पिता के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर वर्ष 2005 में लड़ा था. वो विजयी हुईं थीं. इसके बाद वर्ष 2009 में वो फिर इस सीट पर चुनीं गईं. हालांकि वर्ष 2014 के चुनाव में उन्हें इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. नवंबर 2005 में उपचुनाव में उन्होंने ये सीट एक लाख 72 हजार वोटों के अंतर से जीती थीं.

प्रिया ने चुनाव नामांकन में अपनी जो संपत्ति घोषित की है, उसके अनुसार उनकी संपत्ति में इजाफा हुआ है. उनकी और पति ओवन रानकान की चल संपत्ति 24.2 करोड़ की है, जबकि अचल संपत्ति 72 करोड़ की. उनके पति फाउंटेन हेड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदार हैं, जबकि प्रिया ने अपना प्रोफेशन समाजसेवा और निवेशक के रूप में बताया है.

वर्ष 2005 में पिता के निधन से खाली हुई मुंबई नार्थ सेंट्रल पार्लियामेंट्री सीट पर उपचुनाव लड़ने से पहले वो पिता के साथ मिलकर लगातार इस क्षेत्र में काम करती रहीं थीं. इसके अलावा नरगिस दत्त फाउंडेशन की ट्रस्टी के तौर पर उन्होंने गरीबों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किया है. उनकी इस इलाके में अपनी एक खास पहचान है. वो जितनी आसानी से स्लम्स में जाकर लोगों से घुलती मिलती हैं, उतनी ही आसानी से एलीट लोगों में उठती बैठती हैं.

भाई संजय दत्त के साथ इस बार जब वो नामांकन करने गईं तो वो उनके साथ ही गए थे लेकिन भाई और बहन के बीच तब मनमुटाव की खबरें आने लगी थीं जबकि वर्ष 2009 में संजय समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. तब उनके सपा से चुनाव लड़ने की खबरें भी आ रही थीं. अब भाई – बहन के संबंध फिर सामान्य हो गए हैं. संजय चुनावों के दौरान उनकी मदद करने के लिए उनकी संसदीय सीट पर लगातार जनसंपर्क करेंगे.

प्रिया का जन्म 26 अगस्त 1966 को हुआ था, यानी उनकी उम्र 52 साल हैं. प्रिया की एक और बहन भी हैं, उनका नाम नम्रता दत्त है. नम्रता बॉलीवुड अभिनेता रह चुके कुमार गौरव की पत्नी हैं. प्रिया के पति रोनकान रोमन कैथोलिक ईसाई हैं. उनका अपना प्रोडक्शन और मार्केटिंग का बिजनेस है.

प्रिया ने मुंबई यूनिवर्सिटी के सोफिया कॉलेज से समाजशास्त्र से बीए किया है. इसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क से टीवी प्रोडक्शन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा हासिल किया. उन्होंने कुछ साल तक टीवी और फिल्म प्रोडक्शन क्षेत्र में काम किया. फिर जब उनके पिता ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो उन्होंने पिता के चुनाव अभियान की कमान संभाली.

प्रिया के दो बेटे हैं. उनके नाम सिद्धार्थ और सुमैर हैं. सिद्धार्थ 13 साल के हैं तो सुमैर 11 साल के. प्रिया की अपनी एक वेबसाइट http://priyadutt.in है, जिस पर उनके कामों का वर्णन है. ये बेवसाइट लगातार अपडेट होती रहती है. अपने अभिभावकों यानि सुनील दत्त और नरगिस दत्त पर वो एक किताब लिख चुकी हैं जिसका नाम मिस्टर एंड मिसेज दत्त-मेमोरीज ऑफ अवर पेरेंट्स. ये किताब वर्ष 2007 में प्रकाशित हुई थी.

उनके भाई और बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त जब मुंबई धमाका मामले में फंसे तो ये उनके परिवार के लिए बहुत कठिन समय था. उस समय उनके पास धमकी भरे फोन आते थे लेकिन वो विचलित नहीं हुईं. हालांकि जब वो पिता के निधन के बाद नवंबर 2005 में उपचुनाव के लिए उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरीं तो उनकी डगर आसान नहीं थी. उस समय भी उनके पास ऐसे फोन खूब आते थे, जिसमें उन्हें धमकियां दी जाती थीं. लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ा. उससे हर कोई उनका मुरीद हो गया. प्रिया की छवि उनके संसदीय क्षेत्र में अच्छी है लेकिन उनके विरोधी उन पर ये आरोप भी लगाते हैं कि वो आसानी से लोगों को उपलब्ध नहीं होतीं.

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