कोरोना संक्रमण महामारी के दौरान पूरे विश्व में लॉक डाउन लगाए जाने से दफ्तर का काम घर से करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। घर से कामकाज करने पर कई प्रकार के फायदे और नुकसान दोनों देखने को मिले हैं। इसको लेकर विश्व में कई कंपनियां ऑफिस कल्चर को वर्क फ्राम होम कल्चर में बदलने के ऊपर विचार कर रही हैं। कई देशों में इसमें बदलाव भी हुआ है। भारत में भी इस पर आवश्यक गाइडलाइन तैयारी करने की कवायद काफी दिनों से चल रही है। इसके साथ ही काम करने के घंटे और अवकाश पर भी बातचीत जारी है।
मंगलवार यानी बीते कल केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने भारत की कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम (WFH) के लिए नए दिशानिर्देश का ऐलान किया है , जिसके मुताबिक WFH को एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone) यूनिट में अधिकतम एक साल की अवधि के लिए इजाजत दी गई है। साथ ही इसमें कुल कर्मचारियों की तादाद का 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।
वाणिज्य विभाग ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) नियम, 2006 में वर्क फ्राम होम के लिए एक नया नियम 43A अधिसूचित किया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक , कर्मचारियों के कई अनुरोधों के बाद विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई हैं।