मणिपुर हिंसा को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने उठाए बड़े कदम, भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था की खत्म

नई दिल्ली। उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में एक लंबे समय से आंतरिक गतिविधियों के चलते लाइव चली आ रही है जिसको लेकर केंद्र सरकार के ऊपर भी लगातार विपक्ष ने निशाना साधा विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ऊपर निशान चाहते हुए कहा कि अमित शाह आखिर मणिपुर के हिंसा को क्यों नहीं रोक पा रहे हैं या फिर वह इसको रोकने का प्रयास भी नहीं कर रहे हैं। इस पर अब केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए एक बड़ा निर्णय किया है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक ट्वीट के जरिए लिखा कि हमारी सीमाओं को सुरक्षित करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का संकल्प है। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने निर्णय लिया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और म्यांमार की सीमा से लगे भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म कर दिया जाए। चूंकि विदेश मंत्रालय फिलहाल इसे खत्म करने की प्रक्रिया में है, इसलिए गृह मंत्रालय ने एफएमआर को तत्काल निलंबित करने की सिफारिश की है।

मणिपुर में बीते साल मई में दो समुदायों बहुसंख्यक मैतेई और अल्पसंख्यक कुकी के बीच हिंसक झड़पें हुईं. इन झड़पों में अब तक कम से कम 130 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 लोग घायल हुए हैं। सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के बीच संघर्ष के कारण भड़की हिंसा ने 60,000 से अधिक लोगों को सुरक्षा के लिए अपने घरों से भागने के लिए मजबूर कर दिया है। इन झड़पों के दौरान, दोनों समुदायों ने बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की, कई पुलिस स्टेशनों से हथियार लूट लिए और दर्जनों चर्चों को अपवित्र कर दिया और एक दर्जन से अधिक मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई। साथ ही, कई गांवों को आग के हवाले कर दिया गया।

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