पटना: सूर्य उपासना का चार दिवसीय चैती छठ महापर्व मंगलवार से हो गया। आस्था, साधना, आराधना और सूर्योपासना का यह महापर्व इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है। गर्मी और सूर्य की तपिश के बावजूद व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रहकर भुवन भास्कर और छठी मईया की उपासना करेंगे। मंगलवार को नहाय-खाय से व्रती चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लेंगे। भगवान भास्कर को सायंकालीन अघ्र्य 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद अनुष्ठान संपन्न होगा। 10 अप्रैल को खरना होगा।
श्रद्धालु को भगवान भास्कर की उपासना से आरोग्यता, संतान व मनोकामनाओं की पूर्ति का वरदान मिलता है। इस व्रत में डूबते हुए सूर्य को तथा अगले दिन उगते हुए सूर्य को अघ्र्य देकर व्रती इस महापर्व का समापन करते हैं।शरीर, मन व आत्म शुद्धि का महापर्व है छठ पं. राकेश झा शास्त्री ने बताया कि छठ महापर्व खासकर शरीर, मन तथा आत्मा की शुद्धि का पर्व है। मान्यता है कि इससे पुत्र की प्राप्ति होती है वहीं वैज्ञानिक मान्यता है कि गर्भाशय मजबूत होता है। खरना के प्रसाद में ईख के कच्चे रस, गुड़ के सेवन से त्वचा रोग, आंख की पीड़ा, शरीर के दाग-धब्बे समाप्त हो जाते हैं।
आज अलीगढ़ में दो सभाओं को संबोधित करेंगे अखिलेश, जोर शोर से प्रचार में लगे सपा कार्यकर्ता
वैदिक मान्यताओं के अनुसार नहाय-खाय से छठ के पारण सप्तमी तिथि तक उन भक्तों पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है जो श्रद्धापूर्वक व्रत-उपासना करते हैं। सृष्टि के प्रत्यक्ष देवता सूर्य को पीतल या तांबे के पात्र से अघ्र्य देने से आरोग्यता का वरदान मिलता है। सूर्य को आरोग्य का देवता माना गया है। सूर्य की किरणों में कई रोगों को नष्ट करने की क्षमता है।नगर निगम ने शुरू की छठ घाटों व पहुंच पथों की सफाईचार दिवसीय चैती छठ महापर्व को लेकर नगर निगम ने छठ घाटों की साफ-सफाई भी शुरू की है।
कलेक्ट्रेट घाट, दीघा घाट, पहलवान घाट, गांधी घाट, महावीर घाट, भद्र घाट, खाजेकला घाटा, किला घाट, केशवराय घाट समेत अन्य घाटों और पहुंच पथों की सफाई की जा रही है। वहीं व्रतियों और श्रद्धालुओं की सहूलित के लिए स्थानीय स्तर पर स्वयंसेवी संस्थाओं ने जनसहयोग से सुविधा मुहैया कराने की तैयारी की है।