उत्तराखंड के चमोली जिले में हुए भयंकर हिमस्खलन के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। इस हादसे में 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए, जिनमें से अब तक 16 को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 41 अभी भी लापता हैं।
हिमस्खलन का कहर, फंसे कई मजदूर
चमोली के माणा गांव के पास यह हिमस्खलन हुआ, जिससे BRO (सीमा सड़क संगठन) द्वारा बनाई जा रही सड़क परियोजना पर काम कर रहे मजदूर चपेट में आ गए। सड़क बंद हो जाने के कारण राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा – ‘रेस्क्यू ही प्राथमिकता’
गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर ट्वीट कर बताया कि उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, ITBP के DG और NDRF के DG से बात की है। उन्होंने कहा, “फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल पूरी तरह से मुस्तैद है। NDRF की दो टीमें भी जल्द घटनास्थल पर पहुंच रही हैं।”
सीएम धामी की अपील – बचाव कार्य जारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “हमें माणा गांव के पास बीआरओ द्वारा बनाई जा रही सड़क परियोजना में लगे श्रमिकों के हिमस्खलन में फंसने की खबर मिली। ITBP, BRO और अन्य बचाव दल राहत कार्यों में जुटे हैं। मैं भगवान बद्री विशाल से सभी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।”
सेना और ITBP भी बचाव कार्य में जुटी
बचाव कार्य के लिए ITBP, सेना और NDRF की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं। पुलिस प्रवक्ता नीलेश भरणे ने बताया कि हिमस्खलन बीआरओ कैंप के पास हुआ, जहां सड़क निर्माण में लगे 57 मजदूर फंस गए थे। अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और उन्हें माना में सेना के कैंप में इलाज के लिए भेजा गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जोशीमठ के माणा क्षेत्र में हिमस्खलन से BRO का GREF कैंप प्रभावित हुआ है। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर स्थिति का जायजा लिया और कहा कि प्रशासन हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। सेना भी बचाव कार्य में लगी हुई है और सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
10 मजदूर बचाए गए, इलाज जारी
BRO के कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि उन्हें सुबह 8 बजे सूचना मिली कि माना इलाके में हिमस्खलन हुआ है। उस समय कुछ मजदूर सड़क निर्माण में लगे थे। अब तक 10 लोगों को बचाया गया है, जिनमें से कुछ घायल हैं। इनका इलाज सेना के कैंप में किया जा रहा है।
कैसे हुआ हादसा?
28 फरवरी 2025 को सुबह 7:15 बजे माणा और बद्रीनाथ के बीच स्थित BRO श्रमिक कैंप पर अचानक हिमस्खलन हुआ। 57 मजदूर आठ कंटेनरों और एक शेड में फंस गए।
घटना की जानकारी मिलते ही सेना की इबेक्स ब्रिगेड की त्वरित प्रतिक्रिया टीम, जिसमें 100 से अधिक जवान, डॉक्टर, एंबुलेंस और भारी उपकरण थे, तुरंत मौके पर पहुंची। सुबह 11:50 बजे तक बचाव दल ने पांच कंटेनरों तक पहुंच बना ली थी और 10 मजदूरों को बाहर निकाल लिया था, जिनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बचाव कार्य में चुनौतियां
बाकी तीन कंटेनरों में फंसे लोगों को निकालने के लिए तेज रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लेकिन लगातार हो रहे छोटे हिमस्खलन के कारण बचाव कार्य धीमी गति से और पूरी सावधानी के साथ किया जा रहा है।
क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण भी राहत कार्य प्रभावित हो रहा है। जोशीमठ से माणा तक की सड़क को साफ करने के लिए GREF (ग्रेफ) की टीम काम कर रही है। साथ ही, अतिरिक्त चिकित्सा सहायता भी जोशीमठ से माणा भेजी जा रही है ताकि घायलों को समय पर इलाज मिल सके।
बचाव कार्य पर नजर बनाए हुए हैं अधिकारी
सरकार और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। गृह मंत्रालय, सेना, NDRF, ITBP और स्थानीय प्रशासन मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने में जुटे हैं।