उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चुने गए चंद्रशेखर आजाद ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि अखिलेश यादव दलितों का वोट तो चाहते हैं,लेकिन उनका नेतृत्व नहीं खड़ा होना देना चाहते हैं. चंद्रशेखर ने यह बात न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कही है.उन्होंने कहा कि उन्होंने 2022 में विधानसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की कोशिश की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली थी.
''अखिलेश वोट तो चाहते हैं, लेकिन नेतृत्व खड़ा नहीं होने देना चाहते।''- Chandrashekhar Azad on why there was no alliance with SP in the 2024 Lok Sabha polls.#ANIPodcast #SmitaPrakash #ChandrashekharAzad #Akhilesh #Congress #BSP
Watch Full Episode Here: https://t.co/4Kcux2mo1r pic.twitter.com/rXbu8B3YGI
— ANI (@ANI) July 4, 2024
किनका वोट चाहते हैं अखिलेश यादव
चंद्रशेखर आजाद ने कहा,”मैंने 2022 में समाजवादी पार्टी से गठबंधन की कोशिश की,लेकिन अखिलेश जी ने आरोप लगा दिया कि इनके पास किसी का फोन आ गया इसलिए चले गए हैं.लेकिन इस बार मेरे पास किसी का फोन नहीं आया.इस बार वो हिम्मत नहीं जुटा पाए कि वो हमें अवसर दें और हमारा साथ लेकर आगे बढ़ें.वो इन वर्गों (दलितों) का वोट तो चाहते थे,इसलिए उन्होंने संविधान और बाबा साहब समेत तमाम महापुरुषों की बात की,वो इन वर्गों का वोट तो चाहते हैं,लेकिन लीडरशिप नहीं खड़ा होने देना चाहते हैं.
आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद से सवाल किया गया था कि समाजवादी पार्टी,बसपा, कांग्रेस और बीजेपी में से कोई भी पार्टी आपके लिए फिट क्यों नहीं बैठ रही है. इस सवाल के जवाब में नगीना के सांसद ने कहा,”मैंने बसपा के लिए बहुत ट्राई किया.लेकिन उन लोगों ने मुझे बहुत बुरा-भला कहा. मुझे अपमानित भी किया.लेकिन मैंने उन्हें कभी अपमानित नहीं किया.कोई अपने आप अपने ऊपर मुकदमे नहीं लगवाता है और न ही कोई अपनी मर्जी से जेल जाता है.जेल की जिंदगी बहुत बुरी होती है.इसलिए किसी के संघर्ष को अपमानित नहीं करना चाहिए.किसने किन परिस्थितियों में कौन सा रास्ता चुना है.”