भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के मिशन मून को आज बड़ी सफलता हाथ लगी है। इसरो का चंद्रयान-3 आज चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। 14 जुलाई को इसे लॉन्च किया गया था। आज 22वें दिन अपने निर्धारित सफर के अनुसार यह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। इस बात की जानकारी इसरो ने ट्वीट करते हुए दी है। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-3 ने शनिवार शाम करीब 7:15 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर लिया। इसरो के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चंद्रयान 23 अगस्त को चंद्रमा के सतह पर लैंड करेगा। चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के बाद अब चंद्रयान चंद्रमा के चारों तरफ 166km* 18054 किलोमीटर की अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाएगा। 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंडिंग के बाद यह चांद की सतह और मिट्टी का अध्ययन करेगा।
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 ने आज शाम करीब 7.15 बजे चांद की कक्षा में प्रवेश किया। इस प्रक्रिया को लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन (LOI) कहते हैं। इससे पहले चंद्रयान-3 ने धरती की ऑर्बिट के पांच चक्कर लगाए थे, इसके जरिए स्पेसक्राफ्ट को धरती से दूर भेजा जा रहा था।
ISRO के अनुसार चंद्रयान-3 ने शुक्रवार दोपहर तक चांद तक की दो-तिहाई यात्रा पूरी कर ली थी। इसका अगला पड़ाव चांद की बाहरी कक्षा है। एक विशेष मैनूवर के जरिए इसे चांद के ऑर्बिट में एंटर कराया जाएगा। जो आज शाम सफलतापूर्वक पूर्ण हो गया।
चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। इसके बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। इस मिशन के जरिए इसरो यह पता लगाएगा कि चांद की सतह पर भूकंप कैसे आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।