छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामदास टंडन नहीं रहे, दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामदास टंडन का दिल का दौरा पड़ने से रायपुर के मेडिकल हॉस्पीटल में निधन हो गया है. उनको आज सुबह करीब 8 बजे दिल का दौरा पड़ने के बाद राजभवन के अस्पताल में उनकी प्रारंभिक जांच कराई गई थी, जिसके तुरंत बाद उनको रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

जहां डॉक्टरों की टीम ने जांच करने के बाद उनको मृत घोषित कर दिया. सुबह करीब साढ़े 9 बजे राज्यपाल बलरामदास टंडन को हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया था. जानकारी के अनुसार उनको हॉस्पीटल में तत्काल लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. डॉक्टरों की कड़ी कोशिश करने क बावजूद भी उनको बचाया नहीं जा सका.

आपको बता दें, राज्यपाल की तबीयत बिगड़ने के बाद उनको देखने के लिए मुख्यमंत्री रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल सहित कई मंत्री और विधायक भी अस्पताल पहुंचे थे. बलरामदास टंडन ने 18 जुलाई 2014 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का पदभार संभाला था. उनका जन्म 1 नवंबर 1927 में अमृतसर के पंजाब में हुआ था. उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से की थी.

बलरामदास टंडन साल 1953 से 1967 के बीच अमृतसर में नगर निगम पार्षद और साल 1957, 1962, 1967, 1969 और 1977 में अमृतसर से विधानसभा सदस्य के तौर पर चुने गए थे. विधानसभा चुनाव वर्ष 1997 में वो राजपुरा विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे. इसके साथ ही उन्होंने पंजाब मंत्रिमंडल में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के रूप में उद्योग, स्थानीय शासन, स्वास्थ्य, श्रम एवं रोजगार आदि विभागों में कार्य किया था.

टंडन वर्ष 1979 से 1980 के समय पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे थे. इसके साथ ही उन्होंने नेपाल की राजधानी काठमांडू में सार्क देशों के स्थानीय निकाय सम्मेलन में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था. आपातकाल के दौरान वर्ष 1975 से 1977 तक वह जेल में रहे थे. जिसके बाद साल 1991 में टंडन ने अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा. इस दौरान उनको कई आतंकी हमलों का सामना करना पड़ा जिनमें वह बाल-बाल बचे.

देश के विभाजन के समय साल 1947 में टंडन ने पाकिस्तान से आने वाले लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं निभाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं. उनके जीवन पर उनके बेटे संजय टंडन ने एक किताब लिखी है जिसका नाम है ‘एक प्रेरक चरित्र‘. उनको खेलों में काफी रुचि थी. कुश्ती, वॉलीबॉल, तैराकी और कबड्डी जैसे खेलों के सक्रिय खिलाड़ी थे.

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