Chhawla case 2012: LG ने पुनर्विचार याचिका की दी मंजूरी, सर्वोच्च न्यायालय ने दुष्कर्म के दोषियों के रिहाई का दिया था आदेश

Chhawla Rape Case: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 2012 में दुष्कर्म और हत्या के एक केस में तीन दोषियों को रिहा करने के विरुद्ध दिल्ली सरकार द्वारा एक रिव्यू पिटीशन दायर करने की स्वीकृति दे दी है. दिल्ली सरकार छावला दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में 3 दोषियों की रिहाई और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध पुर्नविचार याचिका दायर करेंगी. मिली जानकारी के मुताबिक केस का प्रतिनिधित्व करने के लिए SG तुषार मेहता और एडिशनल  SG ऐश्वर्या भाटी की नियुक्ति को भी उपराज्यपाल ने स्वीकृति दी है.

साल 2012 में दिल्ली के छावला में हुए दुष्कर्म मामले में लोवर कोर्ट और हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इस निर्णय को बदलते हुए सभी दोषियों को बरी कर दिया. पीड़िता का परिवार 10 वर्ष से न्याय की उम्मीद में था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय के बाद उनका न्याय से भरोसा उठ गया. जिसके बाद उन्होंने पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग की थी

9 फरवरी 2012 को मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली 19 वर्षीय युवती का अपहरण किया गया, 14 फरवरी को उसकी लाश रेवाड़ी के एक खेत से बरामद हुई.

आरोपियों ने लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के दौरान उसके शरीर को सिगरेट से जलाया, तेजाब डाला, गाड़ी के औजारों से हमला किया और फिर उसकी हत्या कर दी. 

इस केस में अदालत ने 2 वर्ष बाद साल 2014 में तीन आरोपी राहुल, विनोद और रवि को दोषी बताते हुए फांसी की सजा सुनाई.

 

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