लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी का दामन छोड़कर 2022 में समाजवादी पार्टी में चले गए थे। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव भी बना दिया। इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने लगातार रामचरितमानस और हिंदू धर्म के खिलाफ विवादित बयान देने शुरू किए और लगातार देते रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के इसी तौर तरीके पर अब समाजवादी पार्टी में भी आवाज उठने लगी है।
बीते दिनों सपा के प्रवक्ता आईपी सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एक्स पर पोस्ट भी लिखी थी। अब विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधा है। सपा नेता मनोज पांडे ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। मनोज पांडे ने कहा कि जिसका मानसिक संतुलन ठीक न हो, वो ऐसे ही बयान देता रहता है। लगातार सपा में ही विरोध में आवाजें उठने की वजह से अब स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए पार्टी में दिक्कत पैदा होने के आसार हैं।
सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडे बोले- स्वामी प्रसाद मौर्य का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है
पार्टी ने कई बार उनको नसीहत दी बावजूद इसके नहीं मान रहे हैं-मनोज पांडेय
विक्षिप्त हो चुके हैं स्वामी प्रसाद मौर्य-मनोज पांडेय#swamiprasadmaurya #SanatanDharm pic.twitter.com/QhRa7WZX62
— Arjun Chaudharyy (@Arjunpchaudhary) February 8, 2024
स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान भी सुन लीजिए। जो उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर दिया है।
#WATCH | Lucknow: Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya while speaking in the Uttar Pradesh Assembly budget session questions 'Pran Pratistha' of Ram Lalla, says, "BJP is doing drama and trying to project that there was no Ram Lalla before this government. Ram Lalla has been… pic.twitter.com/jStycTmYK6
— ANI (@ANI) February 8, 2024
पिछले दिनों खबर आई थी कि सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान पार्टी के तमाम अगड़ी जाति के नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य की शिकायत की थी। सूत्रों के हवाले से पता चला था कि अखिलेश यादव ने इन नेताओं से कहा था कि वो स्वामी प्रसाद मौर्य को विवादित बयान नहीं देने के लिए कहेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और स्वामी प्रसाद ने बीते दिनों भी हिंदू धर्म के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस के बारे में विवादित बयान देने पर लखनऊ में एक संगठन ने इस धार्मिक ग्रंथ को भी जलाया था। उसमें 5 लोग गिरफ्तार हुए थे। स्वामी प्रसाद के खिलाफ भी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।