इलेक्ट्रिक कारों की मांग और रूस को बिक्री से चीन के कार निर्यात को जबरदस्त बढ़ावा मिला है। चीन ने कहा है कि वो कार एक्सपोर्ट करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश बन गया है। इस साल के पहले तीन महीनों (जनवरी से मार्च 2023 तक) में कार एक्सपोर्ट करने के मामले में चीन जापान से भी काफी आगे निकल गया है। जबकि इससे पहले तक जापान दुनिया का सबसे बड़ा कार एक्सपोर्ट करने वाल देश था।
आंकड़ों के आधार पर बात करें तो, बीत हफ्ते चीन ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके मुताबिक़ इस साल के शुरुआती तीन महीनों में 10.07 लाख कारें नएक्सपोर्ट की गई हैं। जबकि बीत साल (2022) में जनवरी से लेकर मार्च महीनों में किए गए आंकड़ों से ये 58% ज्यादा है। भारत में भी चीन की कारों की काफी मांग है।
बात करें तो जापान की तो, इस साल के पहले तीन महीनों (जनवरी से मार्च) में जापान ने कुल 9,54,185 कारों को एक्सपोर्ट किया है जबकि बीत साल (जनवरी से मार्च 2022 तक)की समान अवधि में किए गए एक्सपोर्ट से ये 6% ज्यादा है।
खास बात यह है कि चीन का एक्सपोर्ट इलेक्ट्रिक कारों की मांग में हुए इजाफे और रूस में कारों की बिक्री में हुई भारी बढ़ोतरी के चलते चीन को काफी फायदा हुआ है। जबकि पिछले साल चीन जर्मनी को पछाड़ कर कार एक्सपोर्ट करने वाला दुनिया का दूसरा बड़ा देश बन गया था।.जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स के मुताबिक़ 2022 में चीन ने 32 लाख गाड़ियों का एक्सपोर्ट किया गया था ।
इसके अलावा जर्मनी ने 26 लाख कारों को एक्सपोर्ट किया था । दरअसल, दुनिया भर में इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड काफी ज्याद बढ़ रही है और इसका फायदा चीन के कार बाज़ार को मिल रहा है । टेस्ला की चीनी यूनिट SAIC चीन की सबसे बड़ी न्यू एनर्जी व्हेकिल गाड़ियों की निर्यातक है । टेस्ला का शंघाई में काफी बड़ा इलेक्ट्रिक कार प्लांट है ।यहां से जापान और यूरोपीय बाज़ार में कार एक्सपोर्ट किए जाते हैं।