चीन: 1,000 साल बाद सबसे भयंकर बारिश, घरों में घुसा पानी

चीन में पिछले 1,000 साल बाद सबसे भयंकर बारिश, अस्पतालों में पानी घुसा

चीन में 1,000 वर्षों में हुई सबसे भारी बारिश में मरने वालों की संख्या 33 हो गई है जबकि आठ लोग लापता हैं. बाढ़ प्रभावित झेंगझोऊ शहर में अधिकारी बाढ़ के पानी के कारण अस्पतालों में फंसे मरीजों और चिकित्साकर्मियों को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. प्रांतीय आपातकालीन प्रबंधन विभाग ने बताया कि मूसलाधार बारिश से हेनान प्रांत में करीब 30 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और कुल 3,76,000 स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की बृहस्पतिवार की खबर के मुताबिक भयंकर बाढ़ के एक दिन बाद अधिकारी उन अस्पतालों से मरीजों को निकालने का प्रयास करते रहे जहां बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ के कारण हेनान में अनेक अस्पताल प्रभावित हुए हैं और उनके भीतर मरीज, उनके परिजन तथा चिकित्साकर्मी फंसे हुए हैं.

फुवाई अस्पताल में बाढ़ का पानी घुस गया है. बृहस्पतिवार सुबह बचावकर्मियों ने मरीजों, उनके परिजनों और चिकित्साकर्मियों को अन्य स्थानों पर ले जाने की शुरुआत की. अब तक करीब पांच हजार लोगों को निकाला जा चुका है. अस्पताल के उपाध्यक्ष गाओ चुआन्यू ने शिन्हुआ को बताया, 1,075 मरीज जिनमें से 69 की हालत गंभीर है, अस्पताल में भर्ती हैं. परिजनों की संख्या करीब 1,300 है.

शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार भारी बारिश से 2,15,200 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फसलों को नुकसान हुआ है. इससे करीब 1.22 अरब युआन (लगभग 18.86 करोड़ अमेरिकी डॉलर) का सीधा आर्थिक नुकसान हुआ है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश का ऐसा कहर दुर्लभ ही देखने को मिलता है. भारी बारिश के कारण उत्पन्न हुई स्थिति से 1.26 करोड़ की आबादी वाली प्रांतीय राजधानी झेंगझोऊ में सार्वजनिक स्थानों और सबवे टनलमें पानी भर गया है.

चीन के सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो में नजर आ रहा है कि ट्रेन में फंसे यात्रियों के गले तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है और दहशत में आए यात्री हैंडलबार पकड़कर मदद का इंतजार कर रहे हैं. आधिकारिक मीडिया की ओर से जारी वीडियो में बचावकर्मी सबवे सुरंगों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालते नजर आ रहे हैं.

राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बाढ़ की स्थिति को गंभीर बताते हुए पीएलए की तैनाती का आदेश दिया और कहा कि सभी स्तर के अधिकारियों को जानमाल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए.

 

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