शाहजहांपुर : स्वामी चिन्मयानंद मामले में एक बड़ी खबर आरही है। अश्लील वीडियो बनाकर स्वामी चिन्मयानंद से फिरौती मांगने वाली छात्रा आज गिरफ्तार हो गई है। एसआईटी की टीम ने सुबह करीब 8:30 बजे छात्रा को उसके घर से गिरफ्तार किया गया है। छात्रा को उसका मेडिकल के लिए ले जाया गया है। छात्रा के पिता ने इस बात की पुष्टि की है। आपको बतादें कि, छात्रा ने हाईकोर्ट से निराशा होने के बाद निचली अदालत की शरण ली थी। यहां की एडीजे प्रथम की अदालत में उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कल होनी थी।
छात्रा पर चिन्मयानंद से फिरौती मांगने का आरोप था। फिरौती का एक वीडियो सामने आया था, जिसके बाद छात्रा और उसके तीन साथियों पर पुलिस ने फिरौती मांगने का केस दर्ज किया था।
उधर, छात्रा के दो साथियों सचिन और विक्रम को एसआईटी ने जिला कारागार से पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। खबर है कि पुलिस इन लोगों को मेडिकल टेस्ट करवाने के बाद राजस्थान ले जा सकती है। उल्लेखनीय है कि चिन्मयानंद पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा तीन साथियों के साथ राजस्थान के दौसा से बरामद हुई थी। सोमवार को अदालत ने इन तीन में से दो आरोपियों को 95 घंटे की रिमांड पर एसआईटी को सौंपा था।
सचिन और विक्रम को रिमांड पर लेने के लिए एसआईटी के अफसर सुरेंद्र कुमार कटियार ने कोर्ट से कहा था कि स्वामी चिन्मयानंद और छात्रा प्रकरण मामले में अभी और भी सबूत मिलने हैं। इसके लिए एक मोबाइल की तलाश है, जिसे इन लोगों ने राजस्थान में मेंहदीपुर से दौसा भरतपुर मार्ग पर महेबा बाईपास पर सड़क किनारे झाड़ियों में फेंक दिया था। मोबाइल एमआई का है और उसे बरामद करना है। मोबाइल संजय का बताया जा रहा है और उसमें तमाम साक्ष्य मौजूद हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वामी चिन्मयानंद को मेसेज भेजकर पांच करोड़ रूपये की मांग की गयी थी। इसके प्रमाण के तौर पर छात्रा और उसके साथियों का एक वीडियो भी सामने आ चुका है। पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोप में चिन्मयानंद को तो जेल भेज दिया है, लेकिन छात्रा और उसके तीन साथियों को भी ब्लैकमेलिंग और फिरौती मांगने के मामले में आरोपी बनाया है। पीड़िता की गिरफ्तारी , गिरफ्तारी से हो गई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए के लिए स्थगनादेश और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दोबारा बयान की गुहार उसने सोमवार को अदालत से लगाई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उसकी दोनों मांग ठुकराते हुए ट्रायल कोर्ट में अपील कही थी। इसी के तहत छात्रा ने एडीजे प्रथम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की।