CLAT-UG 2025 परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज की ओर से दायर की गई दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई। इस सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि सभी याचिकाओं की सुनवाई अब देश के अलग-अलग हाईकोर्ट्स में नहीं, बल्कि एक ही हाईकोर्ट में की जाएगी।
एक ही हाईकोर्ट में मामलों की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया कि जो भी याचिकाएं CLAT-UG 2025 परीक्षा के परिणामों के खिलाफ दायर की गई हैं, उन्हें अलग-अलग हाईकोर्ट में न सुनकर, एक ही हाईकोर्ट में सुना जाएगा। इस आदेश से यह भी साफ हो गया कि इन मामलों की सुनवाई के लिए एक ठोस और तेज प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में देश के मुख्य न्यायधीश, CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने यह निर्णय लिया। CJI ने स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई याचिकाएं पहले ही खारिज की जा चुकी हैं, ऐसे में अब यह मामलों को संबंधित हाईकोर्ट को भेजने का सही समय है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: एक ही हाईकोर्ट में सुनवाई से होगा फायदा
सुनवाई के दौरान CJI ने यह भी कहा कि जब विभिन्न हाईकोर्ट्स में एक जैसे मामले चल रहे हों, तो उन्हें एक ही जगह पर ट्रांसफर करना बेहतर होगा। इससे न केवल मामलों का निपटान जल्दी होगा, बल्कि एक जैसी याचिकाओं पर समान निर्णय भी लिया जा सकेगा। यह फैसला परीक्षा में अनावश्यक विलंब को भी रोक सकेगा।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर आगे की सुनवाई 3 फरवरी 2025 से पहले तक करने का निर्देश दिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है और उन वकीलों को भी निर्देश दिया है जो विभिन्न हाईकोर्ट्स में इन याचिकाओं का निपटान कर रहे हैं।
पंजाब और कर्नाटक हाईकोर्ट का नाम
सुप्रीम कोर्ट में इस दौरान यह भी चर्चा हुई कि इन मामलों को किस हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। सॉलिसिटर जनरल (SG) ने इस संदर्भ में कहा कि ये मामले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट या कर्नाटक हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए जा सकते हैं। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय अभी बाकी है और सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई फरवरी में तय की है।
आगे क्या होगा?
अब तक सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला किया है कि सभी याचिकाओं को एक ही हाईकोर्ट में सुनने का फैसला लिया जाएगा, ताकि मामलों में समानता और तेज़ी लाई जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस मामले की अगली सुनवाई 2025 के फरवरी महीने में होगी और उस समय सभी पक्षों से जवाब तलब किया जाएगा।
क्या इसके बाद CLAT-UG परीक्षा पर कोई असर पड़ेगा?
हालांकि, अभी तक इस मामले का CLAT-UG 2025 परीक्षा पर कोई सीधा असर नहीं पड़ा है, लेकिन अब तक की सुनवाई से यह साफ है कि सुप्रीम कोर्ट किसी भी स्थिति में परीक्षा के परिणामों से संबंधित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब देखना यह होगा कि अगले महीने की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या अंतिम निर्णय देता है और यह परीक्षा के परिणामों पर कैसे असर डाल सकता है।
क्या परीक्षा की तारीख बदल सकती है?
जहां तक परीक्षा की तारीख की बात है, फिलहाल परीक्षा की तारीख को लेकर कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। CLAT-UG 2025 के आयोजन के लिए अब तक कोई नई सूचना नहीं आई है। हालांकि, यह निर्णय CLAT के परिणामों और संबंधित मामलों की सुनवाई के आधार पर लिया जाएगा।