दिल्ली में चुनावी माहौल के बीच मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ एक बड़ी खबर सामने आई है। मंगलवार को उनके खिलाफ एक FIR दर्ज की गई है। इस FIR में आरोप है कि आतिशी ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। यह केस रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दर्ज करवाया गया है। इस खबर के बाद दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है।
क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि मुख्यमंत्री आतिशी ने सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल निजी काम के लिए किया। यह घटना तब हुई जब दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका था। 7 जनवरी को दोपहर करीब ढाई बजे, आतिशी ने सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल अपने निजी ऑफिस में चुनावी काम के लिए किया।
किस धारा में दर्ज हुआ केस?
आतिशी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 223A के तहत केस दर्ज किया गया है। इस धारा के तहत अगर दोषी पाया जाता है तो उसे 6 महीने तक की जेल हो सकती है या फिर 2,500 रुपये तक का जुर्माना, या फिर दोनों सजा हो सकती है। यह आरोप विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सामने आया है, जो कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित आचार संहिता के उल्लंघन का हिस्सा है।
आतिशी के खिलाफ क्यों उठे सवाल?
इस FIR के बाद सवाल यह उठ रहा है कि क्या आतिशी ने जानबूझकर आचार संहिता का उल्लंघन किया है, या यह कोई गलती थी। चुनावी मौसम में आचार संहिता का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाता, क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्रभावित कर सकता है।
आम आदमी पार्टी के लिए यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो सकता है, खासकर जब वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी जीत की उम्मीदों को लेकर सक्रिय है। इस समय दिल्ली में सियासी गर्मी अपने चरम पर है और किसी भी नेता पर इस तरह के आरोपों का असर पड़ सकता है।
सीएम आतिशी की चुनावी तैयारी
आम आदमी पार्टी ने सीएम आतिशी को फिर से कालकाजी सीट से उम्मीदवार बनाया है। वह 2015 में इस सीट से पहली बार विधानसभा पहुंची थीं और तब से ही उनकी सियासी पहचान मजबूत हुई है। इस बार 5 फरवरी को दिल्ली में वोटिंग होनी है और परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
आतिशी ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करना था, लेकिन कुछ कारणों से वह रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर तक नहीं पहुंच पाई थीं। मंगलवार को वह नामांकन दाखिल करेंगी। उनके सामने इस बार बीजेपी ने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने अल्का लांबा को उतारा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: सियासी मुकाबला
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार फिर से आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला होने की संभावना है। आम आदमी पार्टी ने पिछली बार 2020 में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी को 8 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। वहीं, कांग्रेस इस बार भी चुनावी मैदान में है, लेकिन उसके पास किसी खास उम्मीदवार का चेहरा नहीं है।
आतिशी ने 2020 में बीजेपी के धरमबीर को कड़ी टक्कर दी थी और उन्हें हराकर कालकाजी सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार भी वही मुकाबला देखने को मिलेगा।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में क्या है अहम?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कुल 70 सीटों पर मतदान होगा। आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है, क्योंकि पिछले दो चुनावों में उसने शानदार प्रदर्शन किया है। पार्टी दिल्ली के अधिकांश विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश करेगी।
यह चुनाव बीजेपी के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिल्ली में उसे आम आदमी पार्टी के खिलाफ कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी ने चुनावी मैदान में पूरी ताकत झोंकी है और उसकी पूरी कोशिश है कि वह दिल्ली विधानसभा में अपनी सीटों की संख्या बढ़ा सके।