लखनऊ, राजसत्ता एक्सप्रेस। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगा आदित्यनाथ अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे। उत्तराखंड स्थिति पैतृत्व गांव में उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट का आज अंतिम संस्कार होगा। जिसमें मुख्यमंत्री शामिल नहीं होंगे। इसको लेकर उन्होंने अपने परिवार को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण से जंग के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताने हुए अपनी मां से भावुक अपील की है।
अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाउंगा: योगी
इस पत्र में उन्होंने लिखा कि लॉकडाउन का पालन करते हुए पिता जी के अंतिम संस्कार में कम से कम लोग शामिल हों। इसके साथ ही उन्होंने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा कि मैं अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे। पिता जी के कैलाशवासी होने पर बेहद दुखी और शोक में हूं। उन्होंने कहा कि अंतिम क्षणों में पिताजी के दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने के कर्तव्यबोध के कारण मैं दर्शन न कर सका। उन्होंने कहा कि वो मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। उन्होंने मुझे बचपन में जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम और निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने के संस्कार दिए। मां के नाम लिखे पत्र में योगी ने कहा कि पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ के लिए आऊंगा।
पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट की सोमवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था। मंगलावर को उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पंचूर यमकेश्वर जनपद पौड़ी लाया जाएगा। सड़क मार्ग से पार्थिव शव को लाया जा रहा है। इसके साथ ही, पंचूर (पौड़ी) के पास थल नदी में दो हेलीपैड बनाए गए हैं। इस दौरान योगी आदित्यनाथ के छोटे भाई महेंद्र सिंह बिष्ट व अन्य स्वजन मौजूद होंगे।
पिता की मृत्यु की खबर से नम हुई सीएम योगी की आंखें
सोमवार को पिता की मृत्यु की खबर सुनकर सीएम योगी आदित्यनाथ की आंखें नम हो गईं। इसके बावजूद उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चल रही कोर टीम की बैठक को जारी रखा। इस बैठक में उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए कि कोटा से यूपी लौटे सभी बच्चों को होम क्वारंटाइन किया जाए। साथ ही,
आरोग्य सेतु डाउनलोड कराने के बाद ही उन्हें घर भेजा जाए।