योगी सरकार का अफसरों को सख्त संदेश- ‘बिना इजाजत दिल्ली भागने की जरूरत नहीं!’

खनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी अफसरों की बार-बार दिल्ली यात्रा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने अधिकारियों को साफ हिदायत दी है कि बिना अनुमति कोई भी अफसर प्रदेश से बाहर नहीं जाएगा. बैठक के दौरान उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि कुछ अधिकारी बैठकों के नाम पर बार-बार दिल्ली भाग रहे हैं, जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.


अब सीएम ऑफिस से लेनी होगी इजाजत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी अधिकारी को अगर किसी काम से दिल्ली जाना है, तो पहले उच्च स्तर से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि दिल्ली जाने वाले सभी अधिकारियों की पूरी रिपोर्ट उनसे साझा की जाए.

सीएम योगी ने कहा,
“प्रदेश के अफसर बार-बार दिल्ली दौरा कर रहे हैं, लेकिन इसकी वजह पूछो तो कोई ठोस जवाब नहीं होता. अब बिना इजाजत किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.”


फील्ड में काम करें, फालतू के दौरे बंद करें

योगी सरकार की मंशा साफ है— अधिकारियों को मैदान में काम करना होगा. सीएम ने यह भी कहा कि बार-बार दिल्ली जाने की बजाय अधिकारियों को अपने जिलों और विभागों में रहकर काम करना चाहिए, ताकि जनता से सीधा संवाद हो और प्रशासनिक कार्यों की गति तेज हो.

योगी आदित्यनाथ की यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब राज्य सरकार कई बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है और प्रशासन की ढिलाई से सरकार की छवि खराब हो सकती है.


होली में गोरखपुर जाएंगे सीएम योगी, शोभायात्रा का नेतृत्व करेंगे

योगी आदित्यनाथ हर साल की तरह इस बार भी होली गोरखपुर में ही मनाएंगे. गोरखनाथ मंदिर में होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और भक्ति का भी प्रतीक है.

इस साल भी योगी आदित्यनाथ 13 मार्च को होलिका दहन और 14 मार्च को भगवान नरसिंह की भव्य शोभायात्रा में शामिल होंगे.

गोरखनाथ मंदिर में होलिका दहन की राख से तिलक लगाने की परंपरा है, जिसे आस्था की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस मौके पर योगी आदित्यनाथ अपने अनुयायियों और श्रद्धालुओं से मुलाकात करेंगे और उत्सव में हिस्सा लेंगे.


गोरखपुर में होली क्यों होती है खास?

गोरखनाथ मंदिर में नरसिंह शोभायात्रा की शुरुआत 1944 में हुई थी. यह यात्रा समाज में अनुशासित और भव्य होली उत्सव को बढ़ावा देने के लिए आरएसएस नेता नानाजी देशमुख की पहल पर शुरू की गई थी. बाद में इसे महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवैद्यनाथ ने गोरक्षपीठ से जोड़ दिया.

सीएम योगी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं और हर साल इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.


क्या अब अफसरों की मनमानी पर लगेगी लगाम?

योगी आदित्यनाथ के इस सख्त फैसले के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि

  • क्या यूपी के अफसर अब दिल्ली जाने से पहले दस बार सोचेंगे?
  • क्या बिना इजाजत भागने की उनकी आदत छूटेगी?
  • क्या इससे प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी?

फिलहाल, इतना तय है कि योगी सरकार अपने अफसरों पर कड़ा नियंत्रण रखने के मूड में है और अब बिना परमिशन कोई भी अधिकारी दिल्ली की राह नहीं पकड़ पाएगा.

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