यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने भगवत गीता के महत्व को बताते हुए कहा कि यह वह पावन ग्रंथ है जिससे क्षेत्र, भाषा, जाति, मत, मजहब से परे सभी लोगों को निष्काम कर्म की प्रेरणा प्राप्त होती है. गीता प्रेस में आयोजित गीता जयंती समारोह को बतौर चीफ गेस्ट संबोधित करते हुए सीएम ने कहा, ‘‘दुनिया में अनेक ग्रन्थ रचे गए, लेकिन गीता युद्धक्षेत्र में भगवान के श्रीमुख से रचित वह ग्रन्थ है जो देश, काल, परिस्थितियों से ऊपर उठकर चराचर जगत के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. यह आने वाली पीढ़ी के लिए अमर वाक्य बनकर प्रेरणा देने का सार्वभौमिक ग्रन्थ है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर व्यक्ति अपनी प्रकृति के अनुरूप गीता के मंत्रों को अंगीकार करता है. पर वास्तव में गीता से हमें यह प्रेरणा प्राप्त होती है कि सभी समस्याओं का समाधान निष्काम कर्म करने से ही संभव है.’’
मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा, ‘‘यदि हम अपना काम स्वयं न करके या किए गए कार्य से अधिक की अपेक्षा करेंगे तो किसी न किसी दूसरे के हक पर डकैती होगी. भगवान ने गीता की रचना सिर्फ अर्जुन के द्वंद्व को समाप्त करने के लिए ही नहीं बल्कि समूची मानवता को कर्तव्य पथ पर चलने की प्रेरणा देने के लिए की थी.’’ योगी ने गीता व अन्य धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए गीता प्रेस के संस्थापक सेठजी जयदयाल गोयनका, कल्याण पत्रिका के पहले संपादक भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार को भी याद किया. उन्होंने कहा कि सेठजी ने 100 साल पहले गीता प्रेस की स्थापना कर धार्मिक साहित्य के क्षेत्र में अद्भुत वह अनुकरणीय मानक स्थापित किए.
जनपद गोरखपुर में आयोजित गीता जयंती कार्यक्रम में… https://t.co/9g84Chi1TH
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 4, 2022