उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच पहुंचे और यहां तहसील के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कई अहम बातें कहीं। सीएम योगी ने कहा कि महराज सुहेलदेव के पराक्रम और शौर्य की वजह से 150 साल तक कोई विदेशी आक्रांता भारत पर हमला करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारें सिर्फ घोषणाएं करती थीं, लेकिन आज ये तहसील बनकर तैयार है।
सीएम योगी ने कहा, “मैं स्वयं इस तहसील को आपको समर्पित करने आया हूं। यहां के अधिकारी बहराइच में ही रहेंगे, उनके लिए आवास की व्यवस्था यहीं की गई है। यही व्यवस्था हर तहसील और थाने पर की गई है। रात को यहीं रुककर आराम करेंगे। किसी भी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी।”
आक्रांताओं का महिमामंडन नहीं चलेगा
सीएम योगी ने साफ शब्दों में कहा कि जो लोग भारत के महापुरुषों को अपमानित करते हैं और आक्रांताओं का महिमामंडन करते हैं, उन्हें आज का नया भारत कतई स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “इन आक्रांताओं ने भारत की सनातन संस्कृति को रौंदने का काम किया था। हमारी आस्था पर प्रहार किया था। ऐसे लोगों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
तहसील का महत्व
सीएम योगी ने तहसील के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “एक सामान्य नागरिक का सबसे ज्यादा काम तहसील से पड़ता है। चाहे वो भूमि संबंधी रिकॉर्ड हो, पैमाइश की कार्रवाई हो या लैंड यूज से जुड़े मामले हों, सभी का निस्तारण तहसील में होता है। अगर तहसील का अपना भवन ही नहीं होगा, तो आम नागरिक को न्याय कैसे मिलेगा?”
उन्होंने आगे कहा, “2017 में भाजपा की डबल इंजन सरकार आई और उस समय 33 लाख से ज्यादा राजस्व के मामले लंबित पड़े थे। इनमें नामांतरण, विरासत और लैंड यूज से जुड़े मामले शामिल थे। आप सोचिए, अगर 33 लाख मामले लंबित हैं, तो गांव-गांव में मारपीट और दबंगों द्वारा गरीबों की जमीन हथियाने के मामले आम बात रहे होंगे।”
देशद्रोही को स्वीकार नहीं
सीएम योगी ने कहा कि बहराइच के लोग भेड़िये के आतंक से परेशान थे, जिसने यहां जनहानि की थी। उन्होंने कहा, “जनहानि की भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन उसके लिए मुआवजा तत्काल उपलब्ध करवाया जाता है। यह वहीं जनपद है जहां कभी अव्यवस्था और अराजकता थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “किसी भी आक्रांता का महिमामंडन करने का मतलब देशद्रोह की नींव को मजबूत करना है। स्वतंत्र भारत किसी देशद्रोही को स्वीकार नहीं कर सकता।”
जेठ मेले पर विवाद
बहराइच का विश्व प्रसिद्ध जेठ मेला हर साल मई-जून में सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगता है। लेकिन हिंदू संगठन इस मेले के आयोजन का विरोध कर रहे हैं। सीएम योगी के बयान से साफ है कि इस मेले पर संकट मंडरा रहा है। मंत्री अनिल राजभर ने भी कहा है कि वे मेले का आयोजन नहीं होने देंगे।