भारत के कई गांव ऐसे हैं, जहां मुर्गे आज भी बांग देकर सुबह होने की जानकारी देते हैं। लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि एक पुलिस थाना ऐसा है जहां पर सिपाही नहीं बल्कि मुर्गे पहरा देते हैं तो क्या आप विश्वास करेंगे। यह सच है कि बलिया में एक ऐसा थाना है, जहां पर स्वतंत्र रूप से बाहर और अंदर हर ओर देसी मुर्गे विचरण करते हैं। वहीं मजाल है कि इन्हें को हाथ लगा दे। इन्हें आजतक किसी ने नहीं मारा। कोई भी थानेदार हो लेकिन यहां चलती इन कुकड़ूं कु ही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो के मुताबिक, यह मुर्गे सरेआम बिना किसी रोक-टोक थाने के अंदर और बाहर विचरण कर रहे हैं। बलिया जनपद के सिकंदरपुर थाने के अंदर स्थित मजार पर हर कोई इन देसी मुर्गों को चढ़ाकर छोड़ देता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, थाने पर कार्यरत होमगार्ड अजय कुमार चौधरी ने बताया कि थाने पर स्थित मजार पर शहीद बाबा के नाम पर मुर्गे छोड़े जाते हैं। इन्हें मारने की हिम्मत किसी में नहीं है।
इसके बाद ही थाने पर एक मजार को बनाया गया जिसपर चादर चढ़ाई गई। इसी पर देसी मुर्गे छोड़े गए। उसके बाद थाने का निर्माण किया गया। इसके बाद से ही यहां मुर्गा चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई। होमगार्ड ने बताया कि बहुत पहले एक SI ने यहां के एक मुर्गे को मारकर खा लिया था। जिससे उनकी तबियत खराब हो गई। ऐसे में उन्हें एक की बजाए दो मुर्गे शहीद बाबा की मजार पर चढ़ाने पड़े।
उधर, यह देसी मुर्गे भी पूरी वफादारी के साथ अपनी ड्यूटी निभाते हैं। थाने पर औचक निरीक्षण में किसी बड़े अधिकारी के आने से पहले मुर्गे संकेत दे देते हैं। पहरेदार कोई भी हो उसको अनुभव हो जाता है कि कोई बड़े अधिकारी निरीक्षण पर आ रहे हैं। आज तक किसी ने इन देसी मुर्गों को मारने की हिम्मत नहीं की। प्रतिदिन थानाध्यक्ष बाबा के मजार पर मत्था टेकते हैं।