महाराष्ट्र में आजकल सियासी ड्रामा अपने चरम पर है। वजह? स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की एक टिप्पणी, जिसने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निशाने पर लिया। बस फिर क्या था, शिंदे के समर्थकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। सड़कों पर हंगामा, स्टूडियो में तोड़फोड़, पुलिस की FIR और अब सरकार कुणाल की लोकेशन तक तलाश रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने माफी की डिमांड की, तो गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने ऐलान कर दिया कि कुणाल के कॉल रिकॉर्ड्स से लेकर बैंक डिटेल्स तक सब खंगाला जाएगा। दूसरी तरफ, विपक्ष इसे अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा बता रहा है।
कुणाल कामरा ने क्या कह डाला?
दरअसल, ये सारा बवाल शुरू हुआ मुंबई के खार इलाके में यूनिकॉन्टिनेंटल होटल के ‘द हैबिटेट स्टूडियो’ से। कुणाल कामरा यहां अपने स्टैंड-अप शो में परफॉर्म कर रहे थे। शो के दौरान उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तंज कसा। सूत्रों की मानें तो कुणाल ने शिंदे को ‘गद्दार’ कह डाला और 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ उनकी बगावत को लेकर तीखे कमेंट्स किए। इतना ही नहीं, कुणाल ने फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने को ट्विस्ट करके शिंदे पर व्यंग्य कसा। अब भाई, कॉमेडी तो कॉमेडी, लेकिन ये मजाक शिंदे के समर्थकों को हजम नहीं हुआ।
शिवसेना के कार्यकर्ता भड़क गए। रविवार रात को कई शिवसैनिक स्टूडियो में घुस गए और वहां तोड़फोड़ मचा दी। होटल में भी हंगामा हुआ। कुणाल के इस कमेंट पर मुंबई पुलिस ने सोमवार को उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली। मामला अब सिर्फ कॉमेडी शो तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सियासी जंग का मैदान बन गया।
शिंदे समर्थकों का गुस्सा, स्टूडियो में तोड़फोड़
कुणाल की टिप्पणी के बाद शिंदे गुट के लोग सड़कों पर उतर आए। मुंबई के द हैबिटेट सेंटर में जमकर तोड़फोड़ हुई। खार पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। इनमें शिंदे गुट के नेता राहुल कनाल भी शामिल थे। कुल 12 लोग पकड़े गए। इन पर BNS की धारा 132 और 333 (जो नॉन-बेलेबल हैं) सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ।
हालांकि, कोर्ट ने बाद में सभी आरोपियों को जमानत दे दी। लेकिन इस बीच हैबिटेट सेंटर के अंदर कुछ अवैध हिस्सों को भी तोड़ दिया गया। शिंदे समर्थकों का कहना था कि कुणाल ने उनके नेता का अपमान किया, जिसे वो बर्दाश्त नहीं करेंगे। दूसरी तरफ, विपक्ष ने इस तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की और इसे गुंडागर्दी करार दिया।
सरकार का एक्शन: कुणाल की लोकेशन तलाशी, CDR जांच का ऐलान
मामला गरमाया तो गृह राज्य मंत्री योगेश कदम मैदान में कूद पड़े। उन्होंने विधान परिषद में ऐलान किया कि कुणाल कामरा के सारे कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) खंगाले जाएंगे। इतना ही नहीं, उनकी कॉल रिकॉर्डिंग और बैंक अकाउंट्स की भी जांच होगी। कदम ने ये भी कहा कि इस पूरे ड्रामे के पीछे कोई ‘मास्टरमाइंड’ हो सकता है, जिसकी तलाश की जा रही है। सरकार जल्द ही इसका खुलासा करेगी।
कदम ने ये भी बताया कि कुणाल की लोकेशन ट्रेस की जा रही है। उनका कहना था, “कानून सबके लिए बराबर है। कुणाल ने जो कहा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।” हालांकि, उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की तोड़फोड़ को सही नहीं ठहराया। लेकिन साथ में ये भी जोड़ा, “शिवसैनिकों का गुस्सा समझा जा सकता है। सिक्के के दोनों पहलू देखने चाहिए।”
फडणवीस की माफी की मांग, पवार का संयम का मंत्र
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे मामले पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “कुणाल कामरा को एकनाथ शिंदे के खिलाफ अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। ये निंदनीय हरकत है।” फडणवीस ने आगे कहा कि ऐसे कृत्यों का समर्थन करने वाले ‘अर्बन नक्सलियों’ और ‘वामपंथी उदारवादियों’ को भी सबक सिखाया जाएगा। उनका इशारा साफ था कि वो इस मामले को हल्के में नहीं लेने वाले।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “किसी को भी कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। अपनी बातों पर कंट्रोल रखना जरूरी है।” पवार का बयान थोड़ा संयमित था, लेकिन साफ था कि वो कुणाल के कमेंट से खुश नहीं थे।
उद्धव ठाकरे का कुणाल को सपोर्ट
दूसरी तरफ, शिवसेना (UBT) के चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कुणाल कामरा का बचाव किया। विधानभवन परिसर में उन्होंने कहा, “कुणाल ने कुछ गलत नहीं किया। उसने बस अपने विचार रखे, तथ्यों को सामने लाया और जनता की राय बताई।” उद्धव का ये बयान शिंदे गुट के लिए चिढ़ाने वाला था, क्योंकि वो पहले ही कुणाल को ‘गद्दार’ कहे जाने से नाराज थे।
उद्धव के इस स्टैंड से सियासी माहौल और गरमा गया। विपक्ष इसे अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा बना रहा है, जबकि शिंदे गुट इसे अपने नेता का अपमान बता रहा है।