गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर बुधवार को एक गंभीर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी, जिसके बाद सड़क पर फंसी जनता का गुस्सा भड़क उठा। दरअसल, यह जाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के काफिले के कारण हुआ था। दोनों नेता दिल्ली से सटे गाजियाबाद में सड़क मार्ग से गुजर रहे थे, जिससे बैरिकेडिंग और भारी ट्रैफिक का सामना जनता को करना पड़ा। लोग इस असहनीय स्थिति से परेशान हो गए और सड़कों पर उतर आए। बाद में यह गुस्सा झड़पों में तब्दील हो गया, जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध करने वाले यात्रियों को हटाने की कोशिश की।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में फंसे यात्री
गाजीपुर बॉर्डर पर लोगों का गुस्सा धीरे-धीरे बढ़ने लगा। इस दौरान एक वीडियो सामने आया, जिसमें दिख रहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ता यात्रियों को धक्का दे रहे हैं और उन्हें सड़क से हटने के लिए कह रहे हैं। वीडियो में यह भी साफ दिखाई दे रहा था कि कुछ यात्रियों को पीटा भी जा रहा था। एक यात्री ने बताया कि वह 80 साल का है और अपने भाई की मृत्यु के कारण अंतिम संस्कार में शामिल होने दिल्ली से जा रहा था, लेकिन जाम की वजह से उसे घंटों सड़क पर इंतजार करना पड़ा। उसका कहना था, “मुझे नहीं पता कि क्यों रोका गया। राहुल गांधी दूसरी सड़क से जा रहे हैं, तो हमारी सड़क क्यों बंद की गई है?”
बीजेपी पर कांग्रेस का आरोप
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि जाम में फंसी जनता के खिलाफ जो नारेबाजी हो रही थी, वह आम जनता नहीं बल्कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं का काम था। कांग्रेस के मुताबिक, बीजेपी ने जानबूझकर माहौल को गर्म करने की कोशिश की। कांग्रेस का यह भी कहना था कि उनके कार्यकर्ताओं ने किसी भी प्रकार से सड़क पर दखल नहीं दिया था और सारी गतिविधियाँ शांतिपूर्ण तरीके से चल रही थीं।
पुलिस की तैनाती और स्थिति की जांच
घटना के बाद पुलिस की तैनाती भी बढ़ा दी गई। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। पुलिस ने यह भी कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या यह ट्रैफिक जाम सामान्य परिस्थितियों का हिस्सा था या फिर किसी साजिश के तहत यह स्थिति उत्पन्न की गई थी।
नारेबाजी के पीछे था गुस्सा और नाराजगी
नारेबाजी करने वाले यात्री का कहना था कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के काफिले की वजह से आम जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ी। उनका कहना था कि जब सत्ता के बड़े नेता सड़क पर होते हैं, तो आम जनता की परेशानी की कोई चिंता नहीं होती। यही कारण था कि लोग अपनी परेशानियों को लेकर सड़कों पर उतर आए और गुस्से में नारेबाजी करने लगे।
क्या यह ट्रैफिक जाम एक सामान्य घटना थी?
इस पूरे घटनाक्रम ने एक सवाल खड़ा किया है कि क्या इस तरह की ट्रैफिक जाम की स्थिति सिर्फ एक सामान्य घटना थी, या फिर इसके पीछे कुछ और कारण थे? फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह देखने वाली बात होगी कि क्या भविष्य में इस पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई, स्थिति अब नियंत्रण में
पुलिस ने स्थिति को काबू में किया और कार्रवाई के लिए एक टीम गठित की गई है। इसके बाद राहुल गांधी दिल्ली लौट गए और स्थिति सामान्य हो गई। हालांकि, यह घटना सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है और इस पर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।
कांग्रेस का सफाई बयान
कांग्रेस ने अपनी सफाई में कहा कि उनके कार्यकर्ता शांति से अपनी गतिविधियाँ कर रहे थे और किसी भी यात्री को परेशान नहीं किया। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर माहौल को गरम किया, ताकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की यात्रा को लेकर कुछ विवाद खड़ा किया जा सके।
अगले दिनों में क्या होगी कार्रवाई?
इस पूरे मामले की जांच अभी चल रही है और यह देखना होगा कि क्या इस घटनाक्रम के बाद कोई और कदम उठाया जाता है या नहीं। फिलहाल, गाजीपुर बॉर्डर पर स्थिति शांत हो चुकी है, लेकिन इस घटना ने जनता के बीच अपनी नाराजगी का इज़हार किया है।