नई दिल्ली: तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश अध्यक्ष के सामने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करने पर महिला शोधकर्ता को गिरफ्तार करने को कांग्रेस ने मंगलवार को एक ‘फासीवादी कार्रवाई’ बताया। कांग्रेस ने कहा कि यह स्पष्ट सबूत है कि देश में ‘अघोषित आपातकाल’ है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव भाजपा के फासीवाद तथा लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रगतिशील व बहुलतावादी ताकतों के बीच होगा। यह चुनावी संघर्ष केवल सरकार बदलने के लिए नहीं होगा बल्कि भारत की आत्मा के लिए होगा।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने यहां अयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “चेन्नई से तूतीकोरिन जा रही युवा महिला ने ‘फासीवादी भाजपा सरकार मुर्दाबाद’ कह कर दुखती रग पर हाथ रख दिया जिसके बाद फासीवाद खुलकर नजर आया।”
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की भाजपा अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदरराजन ने अपने बेबुनियाद अहंकार में लड़की के खिलाफ मामला दर्ज कराया जिसके बाद उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया, “अगर यह अघोषित आपातकाल नहीं है, तो क्या है।”
उन्होंने कहा, “यह ना सिर्फ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है बल्कि यह संविधान, लोकतंत्र और भारत के विचार पर भी हमला है।”
तिवारी ने यह बातें तमिलनाडु की मूल निवासी और कनाडा के मांट्रियल विश्वविद्यालय की शोधार्थी लोइस सोफिया (28) की गिरफ्तारी के संदर्भ में कहीं।
उन्होंने बीते हफ्ते पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि ‘सरकार 2014 से बार-बार इसी कार्यपद्धति पर चल रही है।’
कांग्रेस नेता ने अन्य मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि फिल्म इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे के छात्रों पर हमला, हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला द्वारा आत्महत्या, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में पेरियार स्टडी सर्किल की मान्यता रद्द करने, आईआईटी दिल्ली में कश्मीरी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के खिलाफ निंदा फैलाने का अभियान आदि विरोध के स्वर को दबाने की घटनाओं के ही उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) एक विशेष विचार व तर्क पद्धति को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “अगर आप भाजपा से सवाल करते हैं, तो आपको राष्ट्र विरोधी कहा जाएगा। अगर आप सरकार से सवाल करते हैं तो आपको देशद्रोही कहा जाएगा। क्या हम यही भारत देखना चाहते हैं?”