भारत बंद: 8 साल पहले भाजपा लगा चुकी है देश को करोड़ों का चूना

नई दिल्ली: रोजाना बढ़ रही पेट्रोल, डीजल की कीमतों पर कांग्रेस ने 10 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ाकर 11 लाख करोड़ की लूट की है.

उन्होने लिखा की मई 2014 में क्रूड तेल की कीमत 106.24 यूए डॉलर थी और तब भारत में पैट्रोल की कीमत 71.41 प्रति लीटर थी और डीजल की कीमत 55.49 प्रति लीटर थी.

वहीं 2018 में क्रूड तेल की कीमत 2014 के मुकाबले कम होकर 73-77 यूएस डॉलर प्रति बैरल है लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गई है. उन्होने लिखा है कि क्रूड तेल की कीमत कम होने के बावजूद पेट्रोल 79.31 प्रति लीटर है और डीजल 71.34 प्रति लीटर मिल रहा है.

जेडीयू के बागी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव ने भी कांग्रेस के इस बंद का समर्थन करते हुए देशवासियों से अपील की है कि वो इसका हिस्सा बनें. उन्होने ट्वीट कर लिखा है कि सरकार ने न ही तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत कम होने का फायदा देश के नागरिकों को दिया औऱ न ही ग्राहकों के भार को कम करने के लिए टैक्स में कोई कटौती की है.जेडीयू के बागी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव ने भी कांग्रेस के इस बंद का समर्थन करते हुए देशवासियों से अपील की है कि वो इसका हिस्सा बनें. उन्होने ट्वीट कर लिखा है कि सरकार ने न ही तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत कम होने का फायदा देश के नागरिकों को दिया औऱ न ही ग्राहकों के भार को कम करने के लिए टैक्स में कोई कटौती की है.

जब शरद यादव ने किया था कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन

जाहिर है कि कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने की वही नीति बना रही है जो भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए अपनाई थी. बता दें कि कांग्रेस शासन के दौरान तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किए थे. कांग्रेस सरकार के दौरान भाजपा ने कई बार भारत बंद का ऐलान किया था. जिसमें दो मुख्य 2010 और 2012 में हुए प्रदर्शन थे.

एनडीए के प्रमुख घटकों ने 5 जुलाई 2010 को तेल कीमतों के खिलाफ भारत बंद का ऐलान किया था. फिलहाल कांग्रेस के साथ खड़े नजर आने वाले और 10 सितंबर को होने वाले भारत बंद में लोगों से समर्थन की अपील करने वाले शरद यादव ने 2010 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुए भारत बंद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उसकी अगुवाई की थी.

आज जो शरद यादव विपक्षी पार्टियों को मोदी सरकार के खिलाफ एकजूट करने में लगे हैं उन्हीं शरद यादव ने 2010 में पेट्रोल के दामों पर प्रदर्शन करने के लिए देश की कई राजनीतिक पार्टियों को कांग्रेस के खिलाफ एकजूट किया था.

भाजपा के भारत बंद से देश को लगा था 12 हजार करोड़ का फटका

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए के भारत बंद के चलते देश की अर्थव्यवस्था को 12 घंटे में 12 हजार करोड़ का खामियाजा भुगतना पड़ा था. 2010 के भारत बंद के कारण दिल्ली और मुंबई से उड़ान भरने वाली 140 फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा था. देश के कई मुख्य शहरों में इस बंद का असर देखने को मिला था. 2010 के भारत बंद की खास बात ये भी थी कि इसमें वामपंथी और दक्षिणपंथी पार्टियों ने मिलकर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला था. वहीं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 52 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.

उस समय विपक्ष की नेता और अब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 2010 में  एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि पेट्रोल और गैस के दामों के कारण गृहणियां, किसान और गरीबों में भी सबसे गरीब लोगों पर इसका असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि प्रमुख शासक दल ‘कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ’ के नारे पर सत्ता में आया था. ..और आम आदमी ने यह पाया. अपने शासन में उसने पैट्रोलियम पदार्थों में यह दसवीं बार बढ़ोतरी की है.

2012 में भी पेट्रोल की कीमतों को लेकर हुए भारत बंद की अगुवाई शरद यादव ने ही की थी. ये भारत बंद 31 मई 2012 को रखा गया था. भारतीय जनता पार्टी के भारत बंद में लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, विजय गोयल, राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेता शामिल हुए थे.

2012 में हुए बंध में शिवसेना, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना, रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, शरद यादव की अध्यक्षता वाली जेडीयू और समाजवादी पार्टी भी ने भारतीय जनता पार्टी का साथ दिया था.

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