नई दिल्ली: राफेल सौदे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से मुलाकात की और मोदी सरकार द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर किए गए सौदे की तत्काल जांच करने की मांग की. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने यहां मीडिया से कहा, “कांग्रेस नेतृत्व के एक प्रतिनिधिमंडल ने कैग और उनके वरिष्ठ सहयोगियों से मुलाकात की. हमने संलग्न पत्रों के साथ विस्तृत ज्ञापन दिया है, जो अनियमितताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं.”
उन्होंने कहा कि संलग्न पत्रों में सरकार के कृत्य शामिल हैं, जिसमें विशेष रूप से आरोप लगाया गया है कि राफेल की खरीद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनमाने ढंग से फैसला किया और एचएएल को सौदे से बाहर कर दिया.
उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि इस मामले को तत्काल कैग द्वारा देखा जाएगा, जिसके पास संवैधानिक अधिकार है. और इस विशेष घोटाले की रपट संसद में समय पर आएगी, क्योंकि इसका अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव है.”
शर्मा के अलावा प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, राजीव शुक्ला और विवेक तन्खा भी शामिल थे. सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है.