Monday, May 12, 2025

सीजफायर पर राहुल गांधी और खरगे ने पीएम मोदी को घेरा, संसद सत्र की मांग कर अमेरिका की भूमिका पर उठाए सवाल

भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (Ceasefire) की घोषणा के बाद जहां एक ओर सीमाओं पर कुछ देर के लिए सन्नाटा पसरा, वहीं देश की सियासत में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे निशाने पर लेते हुए कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं।

राहुल गांधी और खरगे ने लिखा पीएम मोदी को पत्र

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उनका कहना है कि पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर अमेरिका की भूमिका जैसे गंभीर मसलों पर देश की जनता को जवाब मिलना चाहिए। खरगे और राहुल गांधी का यह कहना है कि जब देश गंभीर सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहा था, तब अमेरिका की तरफ से सीजफायर की घोषणा करना न केवल हैरान करने वाला था, बल्कि भारत की संप्रभुता पर भी सवाल खड़े करता है।

Rahul Gandhi

पायलट ने भी उठाए तीखे सवाल

दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी सरकार से दो टूक सवाल किए। उन्होंने कहा “सीजफायर की घोषणा से पहले जो कुछ सीमा पर हुआ, उसमें कई भारतीयों की जान गई। पहले अमेरिका खुद को अलग बता रहा था, अब वही सीजफायर का एलान कर रहा है। क्या भारत सरकार ने किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार कर ली?” उन्होंने आगे कहा कि IMF द्वारा पाकिस्तान को आर्थिक मदद मिलना और फिर अमेरिका द्वारा संघर्ष विराम की घोषणा करना भारत की कूटनीति के लिए एक गंभीर चेतावनी है।

 

संसद सत्र और सर्वदलीय बैठक की मांग

सचिन पायलट ने पुरज़ोर मांग की कि इस पूरे मसले पर एक विशेष संसद सत्र बुलाया जाए, जिसमें सभी दल भाग लें। साथ ही 1994 में पारित संसदीय प्रस्ताव को दोहराने की बात भी कही, जिसमें स्पष्ट रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया था। सचिन पायलट ने कहा कि देश को एकजुटता दिखाने की ज़रूरत है। जब फौज ने अपना काम किया है, तब राजनीति को भी जिम्मेदारी से बात करनी चाहिए।

सेना की तारीफ कर सरकार से पूछे सवाल

कांग्रेस नेताओं ने एक सुर में भारतीय सेना की बहादुरी और रणनीति की सराहना की, लेकिन साथ ही केंद्र सरकार से यह जानना चाहा कि अमेरिका का इस पूरे मामले में रोल क्या था? क्या संघर्ष विराम भारत के दबाव में हुआ या किसी तीसरे देश के इशारे पर? सीजफायर के बाद जहां एक ओर सीमाओं पर कुछ राहत है, वहीं देश की राजनीति में बहस गरमा गई है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार संसद में आए, सवालों का जवाब दे, और ये स्पष्ट करे कि भारत की विदेश नीति और सुरक्षा नीति में किसका प्रभाव है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles