मुस्लिमों को ओबीसी में रखने पर कर्नाटक में घिरी कांग्रेस!, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष ने लगाया हक छीनने का आरोप

नई दिल्ली। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के ताजा कदम से सियासत और गरमाने के आसार हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि कर्नाटक सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुस्लिमों को पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी में शामिल किया है। हंसराज अहीर का बयान लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले आया है और इससे कर्नाटक में कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

हंसराज अहीर ने बयान में कहा है कि कर्नाटक सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में मुस्लिमों के सभी वर्गों को राज्य सरकार के तहत रोजगार और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण देने के लिए ओबीसी की लिस्ट में शामिल किया गया है। श्रेणी IIB के तहत कर्नाटक के सभी मुस्लिमों को ओबीसी माना गया है। हंसराज अहीर ने बताया है कि कर्नाटक में मुस्लिमों की संख्या 12.92 फीसदी है। उन्होंने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि कर्नाटक में मुस्लिमों को स्थानीय निकाय में ओबीसी के लिए आरक्षित 32 फीसदी सीटों पर चुनाव लड़ने की भी आजादी मिली हुई है।

राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने अपने बयान में मुस्लिमों के उन वर्गों का भी उल्लेख किया है, जिनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति अच्छी है। हंसराज अहीर ने बताया है कि मुस्लिमों को ओबीसी कोटे में लाने का फैसला मार्च 2002 में कर्नाटक की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किया था। राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि इस कदम से कर्नाटक में असली ओबीसी का हक छीना जा रहा है।

राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग अध्यक्ष का इस संबंध में बयान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ बड़ा मुद्दा बन सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अन्य नेता लगातार मुस्लिम परस्त होने और तुष्टिकरण का आरोप कांग्रेस पर लगा ही रहे हैं। कर्नाटक में अब भी कांग्रेस की ही सरकार है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में वहां होने जा रहे मतदान में पिछड़ों का हक मारने का मसला बड़े मुद्दे के तौर पर कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।

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