नई दिल्ली। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के ताजा कदम से सियासत और गरमाने के आसार हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि कर्नाटक सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुस्लिमों को पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी में शामिल किया है। हंसराज अहीर का बयान लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले आया है और इससे कर्नाटक में कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
As per the data from Karnataka government, all castes and communities of Muslims of Karnataka have been included in the list of OBCs for reservation in employment and educational institutions under the state govt. Under Category II-B, all Muslims of Karnataka state have been… pic.twitter.com/eh1IYF3FX0
— ANI (@ANI) April 24, 2024
हंसराज अहीर ने बयान में कहा है कि कर्नाटक सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में मुस्लिमों के सभी वर्गों को राज्य सरकार के तहत रोजगार और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण देने के लिए ओबीसी की लिस्ट में शामिल किया गया है। श्रेणी IIB के तहत कर्नाटक के सभी मुस्लिमों को ओबीसी माना गया है। हंसराज अहीर ने बताया है कि कर्नाटक में मुस्लिमों की संख्या 12.92 फीसदी है। उन्होंने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि कर्नाटक में मुस्लिमों को स्थानीय निकाय में ओबीसी के लिए आरक्षित 32 फीसदी सीटों पर चुनाव लड़ने की भी आजादी मिली हुई है।
राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग अध्यक्ष का इस संबंध में बयान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ बड़ा मुद्दा बन सकता है। पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अन्य नेता लगातार मुस्लिम परस्त होने और तुष्टिकरण का आरोप कांग्रेस पर लगा ही रहे हैं। कर्नाटक में अब भी कांग्रेस की ही सरकार है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में वहां होने जा रहे मतदान में पिछड़ों का हक मारने का मसला बड़े मुद्दे के तौर पर कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।