संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया। इस बिल को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया गया है। लोकसभा में बुधवार को महिला आरक्षण बिल पास गया है। गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया है जिस पर पर चर्चा की जा रही है। महिला आरक्षण बिल पर सियासत भी तेज हो गई है। विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साधा रही है। कांग्रेस ने बिल को पीएम मोदी का एक और स्टंट करार दिया। गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने केद्र पर हमला बोलते हुए महिला आरक्षण बिल को सिर्फ एक चुनावी झुनझुना बताया है।
छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने बहस के दौरान कहा कि आप महिलाओं के अधिकारों की बात करते हैं लेकिन जब नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ तो देश की महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया। महिलाओं को अधिकार देने के लिए आपने जो जनगणना और परिसीमन की बाधा लगाई है वो क्यों है, क्या महिला आरक्षण आपका सिर्फ एक चुनावी झुनझुना है।
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि हिंदुस्तानी पुरुष डबल स्टेंडर्ड का है। एक तरफ तो वह महिलाओं को ऊंचे आसन पर बिठाता है लेकिन जब उसे सम्मान देने की बात आती है तो पीछे हट जाता है जैसे कि आपने राष्ट्रपति द्रौपदी को उद्घाटन समारोह में बुलाकर किया।
कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने राज्यसभा में महिला कोटा बिल पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि हमें अधिकार चाहिए। महिलाएं दया का पात्र नहीं बनना चाहतीं। बिल के नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ का जिक्र करते हुए रंजन ने कहा हमें झुकाने की कोशिश न करें, बल्कि समान अधिकार और समान अवसर प्रदान करें।
महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने महिला पहलवानों के साथ व्यवहार और मणिपुर में स्थिति से निपटने के लिए सरकार की आलोचना की।