महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच लगभग आपसी सहमति बन गई है। आज तीनो पार्टियां सरकार बनाने का ऐलान कर सकते हैं। दरसल, गुरुवार देर रात एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर जाकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुलाकात की। इसमें आदित्य ठाकरे और संजय राउत भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में शिवसेना और एनसीपी ने फाइनल ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। शिवसेना-एनसीपी के बीच देर रात तक बैठकों का दौर चला।
आज मुंबई में शिवसेना के साथ एनसीपी और कांग्रेस की बैठक होगी। सूत्रों की माने तो, तीनों दलों के बीच सत्ता में भागीदारी का ‘फॉर्मूला’ तय हो चुका है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जा सकता है। और कांग्रेस-एनसीपी की तरफ से बाला साहेब थोराट तथा अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
मंत्रिमंडल में 45 मंत्री होंगे, जिनमें शिवसेना और एनसीपी के 15-15 और कांग्रेस को 12 मंत्री पद दिए जाएंगे। तय फॉर्मूले के अनुसार मुख्यमंत्री भले ही शिवसेना का होगा, लेकिन महत्वपूर्ण और मलाईदार विभाग कांग्रेस-एनसीपी के पास ही रहेंगे। अजित पवार के पास गृह मंत्रालय, जयंत पाटिल के पास वित्त मंत्रालय और छगन भुजबल के पास पीडब्ल्यूडी विभाग रहेगा, जबकि कांग्रेस के थोराट को राजस्व मंत्रालय दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, तीनों दलों में मंत्री पदों का समान बंटवारा होगा। पहले कहा जा रहा था कि चार विधायकों पर एक मंत्री पद दिया जाएगा, लेकिन कांग्रेस का प्रस्ताव था कि मंत्री पदों का समान बंटवारा हो। बताया जा रहा है कि बाद में तीनों दलों में इस पर सहमति बन गई है। हालांकि सत्ता के बंटवारे फॉर्मूला की अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई। शिवसेना और राकांपा के बीच मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई साल बांटे जाने की भी खबर है। हालांकि, इस बारे में भी कोई अधिकृत पुष्टि नहीं है। कांग्रेस नेता विजय वड्टेटीवार का एक बयान जरूर सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
चुनावी राजनीति में कदम रखने वाले उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे को शिक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। तीनों दलों में ‘चार विधायकों पर एक मंत्री’ का फॉर्मूला बनाया गया है। शिवसेना को 56 विधायकों पर 15, एनसीपी को 54 विधायकों पर 15 और कांग्रेस को 44 विधायकों पर 12 मंत्री पद मिलेंगे। शिवसेना सूत्रों की मानें तो उद्धव मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम रूप से मन नहीं बना पाए हैं। उन्हें मंत्रालयों के कामकाज का प्रत्यक्ष अनुभव नहीं है। मगर कांग्रेस-एनसीपी ने उन्हें साफ कर दिया कि उनके नेता आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में काम नहीं करेंगे। शुक्रवार को उद्धव अपने पत्ते खोलेंगे।