लखनऊ: प्रियंका गांधी अपने 3 दिन के लखनऊ दौरे में आखरी दिन गठबंधन बम फोड़ दिया. पत्रकारों से एक अनौपचारिक मुलाकात में यह मन की बात खोल दी कि, वैसे तो इस कम समय में कांग्रेस अपने संगठन को मजबूती से खड़ा करेगी लेकिन योगी सरकार को हराने के लिए कॉन्ग्रेस ‘ओपन माइंडेड’ है.
यूपी में किसी के साथ भी गठबंधन किया जा सकता है बीजेपी को हराने के लिए. आपको बता दें प्रियंका 16 तारीख से लखनऊ में आ गई थीं और पहले ही दिन उन्होंने गांधी प्रतिमा पर 2 घंटे का मौन व्रत धारण किया था. अगले दिन वह लखीमपुर खीरी पहुंच कर पंचायत चुनाव के दौरान महिला के साथ हुई बदसलूकी पर उस महिला से जाकर मिली थी और अंतिम दिन पत्रकारों के अनौपचारिक मुलाकात में गठबंधन के राज को उन्होंने खोल दिया.
कांग्रेस में इस बात पर चर्चा है यह पत्ते अभी नहीं खोलना चाहिए था. कांग्रेस का कोई नेता इस पर नहीं बोल रहा है लेकिन नाम ना बताने की स्थिति में कांग्रेस नेताओं का कहना है चुनाव में यह सभी बातें अंतिम समय पर कहीं जाती हैं, अभी पार्टी का मनोबल कार्यकर्ताओं का, मनोबल बढ़ाने के लिए संगठन के मजबूत करने पर ही जवाब देना चाहिए था. लेकिन प्रियंका के इशारे ने साफ कर दिया है कि अब विपक्ष में कोई एक बड़ा गठबंधन होगा और भारतीय जनता पार्टी को विपक्ष के तौर पर एक गठबंधन विपक्ष देखने को भी मिल सकता है.
कांग्रेस सत्ता से लगभग 32 साल दूर रही है और अगर यूपी कांग्रेस की गठबंधन के इतिहास को जोड़कर देखें तो सबसे पहले इसने 1996 में बीएसपी के साथ गठबंधन किया था. इसे गठबंधन में 135 सीटें मिली थी और कॉन्ग्रेस 31 सीटों पर ही जीत पाई थी. 2012 के विधानसभा में अकेले चुनाव लड़ी और 29 सीटें जीती थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ी और सिर्फ अमेठी और रायबरेली अपने घर को ही बचा पाई. 2017 में सपा के साथ गठबंधन किया और 125 सीटें गठबंधन में इसे मिली जिसमें से 7 सीटों पर जीती. 2019 में छोटे दलों के साथ गठबंधन किया था जिसमें बाबू सिंह कुशवाहा अपना दल कृष्णा पटेल इस तरह की छोटी पार्टियां शामिल थी सिर्फ एक लोक सभा सीट रायबरेली ही जीत पाई .