महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के साथ कुछ असामान्य घटनाक्रम सामने आए हैं। नाम वापसी की तारीख खत्म होने के बाद, कांग्रेस ने अपने ही कुछ उम्मीदवारों का नामांकन रद्द कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह कदम शिवसेना (उद्धव) के दबाव के चलते उठाया गया है। पहले कांग्रेस ने 110 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल किए थे, लेकिन शिवसेना के विरोध के बाद पार्टी ने अचानक अपने उम्मीदवारों के नाम वापस ले लिए, जिसके परिणामस्वरूप कई नामांकन रद्द हो गए।
नासिक, रामटेक और बांद्रा की स्थिति
कांग्रेस के कई उम्मीदवारों को इस खेल का सामना करना पड़ा। नासिक सेंट्रल से कांग्रेस के उम्मीदवार गुलाम गौस और हेमलता निनाद पाटिल का नामांकन रद्द हो गया, क्योंकि उन्हें एबी फॉर्म नहीं मिला। यहां शिवसेना (उद्धव) के गिते वसंत मैदान में हैं, जबकि बीजेपी ने देवयानी सुभाष फरांदे को टिकट दिया है।
रामटेक सीट पर भी कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र मूलक का नामांकन रद्द हो गया। मूलक ने कांग्रेस के सिंबल पर पर्चा दाखिल किया था, लेकिन बी फॉर्म न मिलने के कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। हालांकि, उन्होंने एक निर्दलीय फॉर्म भी भरा है और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में भाग लेंगे। यहां शिवसेना (उद्धव) के विशाल बरबेटे और शिंदे सेना के आशीष जायसवाल का मुकाबला है।
बांद्रा ईस्ट से भी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार अर्जुन राजपति सिंह का नामांकन रद्द कर दिया। यहां भी शिवसेना (उद्धव) के वरुण सरदेसाई मैदान में हैं।
महा विकास अघाड़ी का संकोच
कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा था कि महा विकास अघाड़ी में फ्रेंडली फाइट की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस उन सीटों पर अपने उम्मीदवारों का नाम वापस लेगी, जहां उनकी दावेदारी कमजोर है। अब तक, कांग्रेस ने 102 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि शिवसेना (उद्धव) ने 90 से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
उद्धव ठाकरे का ऐतराज
उद्धव ठाकरे ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है। संजय राउत ने कहा था कि अधिकांश सीटों पर सहमति बन गई थी, लेकिन कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतारना गठबंधन धर्म के खिलाफ है। उन्होंने सांगली मॉडल का जिक्र करते हुए बताया कि इससे महा विकास अघाड़ी को नुकसान हो सकता है।
चुनाव की तैयारी
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर मतदान 20 नवंबर को प्रस्तावित है। कांग्रेस इस बार एनसीपी (शरद), शिवसेना (उद्धव) और सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस खींचतान का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है।