ट्रेन हादसे को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, उठाए गंभीर सवाल

ओडिशा के बलासोर में हुआ भयंकर रेल हादसा देश में हुए सबसे बड़े रेल हादसों में से एक है, जिसमें 275 लोगों की मौत हो चुकी है। यही वजह है कि इस हादसे को लेकर राजनीति भी हो रही है और विपक्षी नेता इसे लेकर सरकार और रेल मंत्री पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें इन्होनें ने इस दुर्घटना को शोक जताया है साथ में इस पत्र में खरगे ने रेल सुरक्षा में हो रही अनदेखी को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं।

पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने उठाए ये गंभीर सवाल

1.कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कुछ बुनियादी सवाल उठाएं है, जिसमें उन्होंने लिखा कि यह सरकार रेलवे को बुनियादी तौर पर मजबूत करने के बजाय सिर्फ ख़बरों में रहने के लिए काम कर रही है। खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार की लगातार गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित बनता जा रहा है।

2. खरगे ने आरोप लगाया कि रेलवे में अभी लगभग तीन लाख पद खाली हैं। पूर्वी तट रेलवे में, जहां ये हादसा हुआ, वहां भी 8278 पद खाली हैं। खरगे ने दावा किया कि कई वरिष्ठ पदों पर भी तैनाती नहीं हुई हैं।जिस कारण इस तरह की दुर्घटना हो रही है। खरगे ने सवाल किया कि बीते नौ सालों में इन रिक्त स्थानों को क्यों नहीं भरा गया?

3. रेलवे बोर्ड खुद इस बात को स्वीकार कर चुका है कि लोको पायलट्स यानी ट्रेन चलाने वाले ड्रावर पर काम का दबाव काफी ज्यादा है। क्योंकि कर्मचारियों की कमी की वजह से उन्हें रोजाना कई घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है। खरगे ने कहा कि लोको पायलट रेल सुरक्षा के लिए सबसे अहम होते हैं, ऐसे में उनकी रिक्तियां क्यों नहीं भरी जा रहीं?सरकार इस सवाल पर जवाब क्यों नहीं दे रही?

4.कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि 8 फरवरी 2023 को मैसूर में हुए हादसे के बाद साउथ वेस्ट जोनल रेलवे के संचालन अधिकारी ने रेलवे के सिग्नल सिस्टम को दुरुस्त करने की जरूरत बताई थी, लेकिन उस चेतावनी को रेल मंत्रालय ने क्यों दरकिनार किया? इस तरह से अनदेखी करने से सिर्फ आम जनता को जूझना पड़ता है। आपको उनसे वोट तो लेना है, लेकिन परवाह नहीं है।

5. मोदी को लिखे पत्र में कांग्रेस नेता ने लिखा कि कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी की सलाह को रेलवे बोर्ड ने दरकिनार किया। जांच में पता चला है कि लगभग 10 प्रतिशत रेल हादसों की ही कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) द्वारा जांच की गई है। खरगे ने पूछा कि सीआरएस को मजबूत बनाने की दिशा में कदम क्यों नहीं उठाए गए? इस एक कदम से लोगों की सुरक्षा में काफी सुधार देखने को मिलेगी।

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