शुक्रवार को चुनाव के रणीतिकार कहे जाने वाले प्रशांत किशोर ने मजे लेते हुए कहा कि उदयपुर कांग्रेस चिंतन शिविर पर मेरी राय बार बार मांगी जा रही थी, तो मेरी राय में यह एक विफल बैठक रही ।
गौरतलब है कि बिहार से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने के ऐलान करने से पहले पिछ्ले दिनों प्रशांत किशोर कांग्रेस के पास उसकी कायाकल्प करने की एक योजना प्रस्तुत किए थे। तथा ख़ुद को इसका मुखिया बनाने वाले थे , लेकिन कांग्रेस के साथ उनकी बात नहीं बन पाई।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरे विचार से यह सम्मेलन वर्तमान की स्थिति को और लंबा खींचने तथा गुजरात हिमाचल चुनाव में होने वाले घोर पराजय तक कुछ समय देने के अलावा कुछ भी सार्थक हासिल करने में विफल रहा।
प्रशांत किशोर की यह प्रतिक्रिया उदयपुर चिंतन शिविर को लेकर काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल रविवार को समाप्त हुई चिन्तन शिविर में कांग्रेस ने बहुत सारे बदलाव पर मुहर लगाई है। राहुल गांधी को एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की मांग उठी है, उन्हें अध्यक्ष फिर बनाया जा सकता है। इस उनके विरोधी भी समर्थन देते हुए नज़र आ रहे थे। जिससे यह साफ है कि आगे आने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी की भूमिका अहम होगी। साथ ही 2024 के विधानसभा चुनाव में भी वही कांग्रेस की नेतृत्व करेंगे।